Vikrant Shekhawat : Jul 07, 2024, 03:15 PM
India-Russia Relation: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूस पहुंचने से पहले ही क्रेमिलन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) बेहद उत्साह में है। इतना ही नहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी अपने दोस्त मोदी से मिलने को बेताब हैं। बता दें कि पीएम मोदी 8 से 9 जुलाई तक 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने मॉस्को जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को की ‘‘बेहद अहम यात्रा’’ को लेकर क्रेमलिन सबसे ज्यादा उत्सुक है और वह इस यात्रा को रूस -भारत के संबंधों के लिए अति महत्वपूर्ण मानता है।रूस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शनिवार को यह बात कही। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और वह आठ एवं नौ जुलाई को मॉस्को में रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में इस उच्च स्तरीय यात्रा के बारे में जानकारी दी थी और कहा था कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की संपूर्ण समीक्षा करेंगे तथा आपसी हितों के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे PM मोदीविदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को नई दिल्ली में इस उच्च स्तरीय यात्रा को लेकर जानकारी दी गई थी और कहा था कि दोनों शीर्ष नेता दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को लेकर विस्तार से समीक्षा करेंगे. साथ ही आपसी हितों के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श भी करेंगे.क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रूस के सरकारी टेलीविजन VGTRK के साथ एक खास इंटरव्यू में कहा कि मॉस्को में दोनों नेता अन्य कार्यक्रमों के अलावा अनौपचारिक बातचीत भी करेंगे. उन्होंने कहा, “जाहिर है कि अगर इसे अति व्यस्त न भी कहा जाए तो भी एजेंडा व्यापक होगा. पीएम मोदी की यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि दोनों नेता अनौपचारिक तरीके से भी बातचीत कर सकेंगे.”पेस्कोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर है. उन्होंने यह भी कहा कि क्रेमलिन में आमने-सामने की बातचीत और प्रतिनिधिमंडलों की बातचीत दोनों ही होंगी.2019 में आखिरी बार रूस गए थे PM मोदीआधिकारिक समाचार एजेंसी तास ने उनके हवाले से यह भी कहा, “हम एक बहुत ही अहम और पूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं, जो रूसी-भारतीय संबंधों के लिए बेहद अहम है.” पिछले करीब 5 सालों में पीएम मोदी की यह पहली रूस यात्रा होगी. उन्होंने आखिरी बार साल 2019 में रूस की थी, तब पीएम मोदी ने सुदूर पूर्व के शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में शामिल होने गए थे.भारतीय प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है. अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलनों का आयोजन हो चुका है. 6 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में आखिरी बार वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. तब राष्ट्रपति पुतिन शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आए थे.मोदी और पुतिन की मुलाकात पर दुनिया की नजरप्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है, क्योंकि पूरे विश्व को पता है कि द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा दोनों नेता कई अहम वैश्विक मुद्दों पर भी बात कर सकते हैं। पेस्कोव ने रूस के सरकारी टेलीविजन ‘वीजीटीआरके’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि मॉस्को में दोनों नेता अन्य कार्यक्रमों के अलावा अनौपचारिक बातचीत भी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ जाहिर है कि अगर इसे अति व्यस्त न भी कहा जाए तो भी एजेंडा व्यापक होगा। यह एक आधिकारिक यात्रा होगी और हमें उम्मीद है कि दोनों नेता अनौपचारिक तरीके से भी बातचीत कर सकेंगे।’’ पेस्कोव ने कहा कि रूस और भारत के बीच संबंध रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर हैं। सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने पेस्कोव के हवाले से कहा, ‘‘हम एक अति महत्वपूर्ण यात्रा की उम्मीद कर रहे हैं जो रूस-भारत संबंधों के लिए बहुत अहम है।