देश / देश को संबोधित कर रहे PM मोदी, बोले- कीर्तन सुनकर मन को मिली शांति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार रात करीब 9.15 बजे दिल्ली के लाल किला पहुंचे। वे गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व समारोह में शामिल हुए। उन्होंने सिक्का और डाक टिकट जारी किया। पीएम का संबोधन शुरू हो चुका है। हालांकि, यह संबोधन लाल किले की प्राचीर से नहीं बल्कि लॉन से हो रहा है।

Vikrant Shekhawat : Apr 21, 2022, 10:13 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार रात करीब 9.15 बजे दिल्ली के लाल किला पहुंचे। वे गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व समारोह में शामिल हुए। उन्होंने सिक्का और डाक टिकट जारी किया। पीएम का संबोधन शुरू हो चुका है। हालांकि, यह संबोधन लाल किले की प्राचीर से नहीं बल्कि लॉन से हो रहा है।


पीएम ने कहा- गुरु तेगबहादुर साहब के 400वें प्रकाश पर्व को समर्पित इस भव्य आयोजन में मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूं। अभी शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली, वो शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है। आज मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और सिक्के के विमोचन का भी सौभाग्य मिला है। मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं।


पीएम ने सभी गुरुओं को याद करते हुए प्रकाशपर्व की बधाई दी। पीएम ने कहा कि हमारे गुरुओं ने ज्ञान और अध्यात्म के साथ ही समाज और संस्कृति की जिम्मेदारी उठाई। भारत भूमि विरासत नहीं एक परम्परा है। भारत भूमि एक महान आत्मा है। यह दिन दुखियों को हरने वाला है। गुरुओं ने इस परम्मपरा को आगे बढ़ाया है।


PMO के बयान के मुताबिक, केंद्र सरकार और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से यह कार्यक्रम किया जा रहा है। 20 से 21 अप्रैल तक चलने वाले शबद कीर्तन में देश के अलग-अलग इलाकों से आए रागी (सिख संगीतकार) और बच्चे भाग ले रहे हैं। गुरु तेग बहादुर के जीवन को दर्शाने वाला भव्य लाइट एंड साउंड शो भी होगा। इसके अलावा सिखों की पारंपरिक मार्शल आर्ट गटका का भी आयोजन किया जाएगा।


औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को फांसी का आदेश दिया था

यह प्रोग्राम नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं पर केंद्रित है। इन्होंने विश्व इतिहास में धर्म और मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। 1675 में औरंगजेब ने लाल किले से गुरु तेग बहादुर को फांसी देने का आदेश दिया था। इसी वजह से लाल किले को 400वें प्रकाश पर्व के लिए चुना गया है।


गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों की धार्मिक आजादी का समर्थन किया था। उनकी पुण्यतिथि 24 नवंबर को हर साल शहीदी दिवस के रूप में मनाई जाती है। दिल्ली में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाब गंज उनके पवित्र बलिदान से जुड़े हैं।


सुबह कार्यक्रम में पहुंचे अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सिख गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि गुरु ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। गृह मंत्री गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती पर लाल किले पर हुए कार्यक्रम में पहुंचे।


इस दौरान शाह ने कहा- सिख गुरु के बलिदान ने भारत की आजादी के बीज बोए थे। गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दिया। उन्होंने कश्मीरी पंडितों को भी मुगलों के अत्याचार से बचाया था।