Parliament Winter Session / जिन्हें जनता ने 80-90 बार नकारा, वो संसद में चर्चा नहीं होने देते- PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पर कहा कि यह सत्र संविधान की 75वीं वर्षगांठ के संदर्भ में विशेष महत्व रखता है। उन्होंने स्वस्थ चर्चा और नए सांसदों के विचारों को महत्व देने का आग्रह किया। विपक्ष को सकारात्मक भूमिका निभाने की अपील करते हुए, उन्होंने संसद के समय का सदुपयोग करने पर जोर दिया।

Vikrant Shekhawat : Nov 25, 2024, 04:30 PM
Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र आज से आरंभ हो रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतांत्रिक परंपराओं और सदन की गरिमा को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सत्र कई मायनों में विशेष है क्योंकि यह हमारे संविधान की 75 वर्षों की यात्रा का प्रतीक है। पीएम ने कहा कि इस ऐतिहासिक मौके पर संसद से सकारात्मक संदेश जाना चाहिए।

शीतकालीन सत्र और लोकतंत्र का उज्ज्वल अवसर

प्रधानमंत्री मोदी ने संसद सत्र की शुरुआत के पहले कहा, "हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश लोकतंत्र के लिए एक उज्जवल अवसर है।" उन्होंने आशा जताई कि सदन का माहौल शांतिपूर्ण और सकारात्मक रहेगा, जहां स्वस्थ्य चर्चा होगी और सभी सांसद अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।

संसद में व्यवधान की राजनीति पर निशाना

पीएम मोदी ने उन लोगों पर कड़ा प्रहार किया जो सदन की कार्यवाही में बाधा डालते हैं। उन्होंने कहा कि, "कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद में हंगामा करते हैं और नई ऊर्जा व विचार लेकर आए सांसदों के अधिकारों को दबाने का प्रयास करते हैं।" उन्होंने इसे जनता के प्रति अन्याय बताते हुए कहा कि देश की जनता ऐसे व्यवहार का मूल्यांकन करती है और समय आने पर इसका उत्तर भी देती है।

नए सांसदों की ऊर्जा और विचारों को मंच देने की आवश्यकता

प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि संसद में नए सांसद नई ऊर्जा और विचार लेकर आते हैं। उन्होंने कहा, "हमें उनकी भावनाओं का आदर करना चाहिए और उन्हें अपनी बात रखने का अवसर देना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता की आकांक्षाओं को समझने और उन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी सभी सांसदों की है।

विपक्ष की भूमिका और सकारात्मक राजनीति का आग्रह

प्रधानमंत्री ने विपक्ष से भी अपील की कि वे सदन की गरिमा बनाए रखें और स्वस्थ चर्चा में भाग लें। उन्होंने कहा कि, "कुछ विपक्षी सांसद अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तत्पर रहते हैं, लेकिन कुछ लोग उनके विचारों और भावनाओं को अनदेखा कर देते हैं।" उन्होंने सभी दलों से मिलकर काम करने का आग्रह किया ताकि संसद का समय देश के विकास के लिए उपयोगी साबित हो।

जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का आह्वान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की संसद से यह संदेश जाना चाहिए कि देश के मतदाता और लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था को पूरा सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम सभी को जनता की भावनाओं पर खरा उतरना होगा और ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे उनकी उम्मीदों को ठेस पहुंचे।"

सत्र से सकारात्मक परिणामों की आशा

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह सत्र संविधान की गरिमा को और बढ़ाएगा और देश की वैश्विक छवि को मजबूती देगा। उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि वे मिलकर ऐसा वातावरण बनाएं जो भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाने और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने वाला हो।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संदेश ने संसद में स्वस्थ्य चर्चा और लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने का आह्वान किया है। उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि वे अपनी जिम्मेदारी को समझें और देश की जनता की आकांक्षाओं को प्राथमिकता दें। शीतकालीन सत्र से यह उम्मीद की जा रही है कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने और देश के विकास में अहम योगदान देगा।