Vikrant Shekhawat : Nov 16, 2024, 10:20 AM
India Forex Reserve: भारत और पाकिस्तान, दोनों ही दक्षिण एशियाई देशों में विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) की स्थिति इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। भारत के फॉरेक्स रिजर्व में लगातार छठे सप्ताह गिरावट देखने को मिली है, जबकि पाकिस्तान के रिजर्व में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आइए इन दोनों देशों की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण करते हैं।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हाल के हफ्तों में लगातार गिर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, 8 नवंबर, 2024 को समाप्त सप्ताह में फॉरेक्स रिजर्व 6.48 अरब डॉलर घटकर 675.65 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया।गिरावट के प्रमुख कारण
- रुपए की कमजोरी:
डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट ने आयात महंगा कर दिया है। भारत को तेल, गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए अधिक डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं, जिससे भंडार पर दबाव बढ़ रहा है। - अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव:
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में वृद्धि जैसे कारकों ने भारत के फॉरेक्स पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। - गोल्ड और एसडीआर में गिरावट:
विदेशी मुद्रा भंडार का एक हिस्सा फॉरेन करेंसी असेट्स और गोल्ड रिजर्व में होता है। इसमें भी गिरावट दर्ज की गई:- फॉरेन करेंसी असेट्स: 4.47 अरब डॉलर की कमी
- गोल्ड रिजर्व: 1.94 अरब डॉलर की कमी
सर्वकालिक उच्चतम स्तर से गिरावट
सितंबर 2024 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचा था। लेकिन केवल 6 हफ्तों में इसमें 29.23 अरब डॉलर की कमी आ चुकी है।पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी
इसके विपरीत, पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में मामूली सुधार देखने को मिला है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के अनुसार, 8 नवंबर, 2024 को समाप्त सप्ताह में पाकिस्तान का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 34 मिलियन डॉलर बढ़कर 15.966 बिलियन डॉलर हो गया।बढ़त के प्रमुख कारण
- एसबीपी का योगदान:
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के भंडार में 84 मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई। - आयात नियंत्रण:
पाकिस्तान सरकार ने आयात पर सख्त नियंत्रण और कुछ वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। - आंतरराष्ट्रीय सहायता:
हाल के महीनों में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और मित्र देशों से मदद मिली है, जिसने भंडार में योगदान दिया।
चुनौतियां बरकरार
हालांकि, पाकिस्तान के कमर्शियल बैंकों के विदेशी मुद्रा भंडार में 50 मिलियन डॉलर की कमी आई। इसके अलावा, देश की आर्थिक स्थिति अब भी स्थिरता से दूर है।भारत और पाकिस्तान: तुलनात्मक विश्लेषण
पैरामीटर | भारत | पाकिस्तान |
---|---|---|
फॉरेक्स रिजर्व (8 नवंबर) | $675.65 बिलियन | $15.966 बिलियन |
हालिया बदलाव | $6.48 बिलियन की गिरावट | $34 मिलियन की बढ़ोतरी |
भंडार का चरम स्तर | $704.88 बिलियन (सितंबर 2024) | $16.5 बिलियन (2021) |
मुख्य कारण | आयात बढ़ने और रुपये की कमजोरी | आयात नियंत्रण और सहायता |