कोरोना वायरस / बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच सरकार ने रेमेड्सवियर की कीमतें कम की; जारी की मूल्य सूची

देश में बढ़ते कोरोनोवायरस मामलों के बीच सरकार के हस्तक्षेप के बाद, अब निर्माता द्वारा रेमेडिसविर इंजेक्शन की कीमतें कम कर दी गई हैं। यह तब की गई है जब कई अस्पतालों ने रेमेडिसविर की कमी की सूचना मिली और इंजेक्शन बाज़ारों में अधिक कीमत पर बेचे जाने लगे। सरकार ने संशोधित मूल्य सूची साझा की है।

Vikrant Shekhawat : Apr 17, 2021, 08:46 PM
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच केंद्र ने बड़ा फैसला लेते हुए रेमेडिसविर (Remdesivir) इंजेक्शन  कीमतों में बड़ी कटौती का ऐलान किया है. कंपनियों ने दाम 70 फीसदी तक घटा दिए है. इससे पहले सरकार ने बढ़ती मांग को देखते हुए रेमेडिसविर दवा के उत्पादन को बढ़ाने का फैसला किया था.

आपको बता दें कि रेमडेसिविर दवा को Gilead Sciences ने इबोला वायरस के इलाज के रूप में विकसित किया था. लेकिन अब इसका इस्तेमाल कोरोना के इलाज में हो रहा है. रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि यह उस एन्जाइम को ब्लॉक करती है जो कोरोना वायरस की कॉपी बनाने में मदद करता है.

इसकी वजह से वायरस शरीर में फैल नहीं पाता है. स्टडीज में पाया गया कि रेमडेसिविर ने SARS और MERS की ऐक्टिविटी को ब्लॉक किया.

रेमेडिसविर को लेकर सरकार का नया प्लान

केंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा का कहना है कि सरकार रेमडेसिविर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है.उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का उत्पादन 28 लाख शीशी प्रति माह से बढ़कर 41 लाख प्रति माह हो गया है. पिछले पांच दिनों के दौरान छह लाख 69 हजार रेमडेसिविर अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई गई है.

रेमडेसिविर दवा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन जता चुका है चिंता

रेमडेसिविर  को लेकर 20 नवंबर 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि कोरोना मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को रेमडेसिविर के इस्तेमाल से बचना चाहिए. पैनल ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चले कि इस दवा से मरीज की हालत ठीक होती है.

गाइडलाइन में कहा गया कि पैनल को ऐसे सबूतों की कमी दिखी, जिनमें ये बताया गया हो कि रेमेडिसविर ने मृत्यु दर को कम किया या वेंटिलेशन की जरूरत को कम किया हो.

डब्ल्यूएचओ (WHO) के दावों के उलट दवा बनाने कंपनी ने रेमडेसिविर के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि दवा कोरोना के इलाज में कारगर हैं.

रेमेडिसविर के लिए यहां करें शिकायत

अगर किसी को दवा को लेकर शिकायत है तो वो टोल फ्री नंबर- 1800 111 255 पर कॉल कर सकता है. इसके अलावा monitoring-nppa@gov.in पर ईमेल कर सकता है.