
- भारत,
- 06-Jun-2020 09:14 PM IST
Coronavirus: पुडुचेरी से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कोरोना मरीज के शव को सरकारी अस्पताल की टीम ने गढ्ढे में फेंक दिया। कोरोना मरीज के शव के साथ जिस तरीके से व्यवहार किया गया, वो चिंताजनक है। बहरहाल, कोरोना मरीज के परिवार वाले अंतिम संस्कार करने में असमर्थ थे।इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें अधिकारी एक 44 वर्षीय शख्स के शव को फेंकते दिख रहे हैं। ये शख्स चेन्नई से अपनी पत्नी से मिलने आया था। शख्स की पत्नी पुडुचेरी में अपने मात-पिता के साथ रह रही थी। शख्स अपने ससुराल पहुंचा तो सीने में तेज दर्ज होने के बाद बेहोश हो गया। इसके बाद उसे पुडुचेरी के सरकारी अस्पताल में लाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत बताया और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।कोरोना वायरस की जांच के लिए रुटीन टेस्ट किया गया, जिसके बाद पता चला कि शख्स कोरोना संक्रमित था। परिवार वाले अंतिम संस्कार करने में असमर्थ थे, इसलिए सरकारी टीम ही शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले गई। हालांकि, शव को दफनाने के बजाय गढ्ढे में फेंक दिया।दोबारा ऐसी गलती स्वीकार्य नहीं: स्वास्थ्य निदेशकइस घटना के सामने आने के बाद पुडुचेरी के स्वास्थ्य निदेशक डॉ मोहन कुमार ने कहा, उन लोगों ने पहली बार ऐसी हरकत की है, क्योंकि वे कोरोना को लेकर डर गए थे। शव को दफनाने के लिए जा रहे थे जो प्लेन मैदान नहीं था। ऐसे में वे अपने पैरों को बैलेंस नहीं कर पा रहे थे। हमने उन्हें चेतावनी दी है कि ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। हमने जिला प्राधिकरण और अस्पताल प्राधिकरण को इसकी जानकारी दी है। हमने कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए, यह सम्मानजनक तरीके से किया जाना चाहिए। इस तरह की गलती दोबारा स्वीकार नहीं की जाएगी।अधिकारी ने बताया कि 5 जून को हुई इस घटना में अस्पताल के अधिकारी, राजस्व, स्वास्थ्य और पुलिस सभी कोरोना मरीज के शव के दफन कार्य में शामिल थे। स्वास्थ्य निदेशक ने कहा कि हमने उन्हें गंभीरता से चेतावनी दी है और हमने अस्पताल से दोबार ऐसा ना हो इसके लिए एक स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।स्वास्थ्य निदेशक डॉ मोहन कुमार से पूछा गया कि क्या मृतक के साथ इस व्यवहार के लिए उसके परिवार वालों से माफी मांगी गई है। इसे लेकर उन्होंने कहा कि परिवार का कोई भी हमसे नहीं मिला है या किसी ने अब तक कुछ नहीं कहा है।