NavBharat Times : Oct 06, 2019, 07:26 AM
नई दिल्ली | कांग्रेस में जारी आंतरिक कलह और महाराष्ट्र-हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बैंकॉक जाने की खबर है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शनिवार को राहुल गांधी बैंकॉक के लिए विस्तारा एयरलाइन की फ्लाइट से रवाना हो गए। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल गांधी किस वजह से बैंकॉक गए हैं। ऐसे वक्त में जब दो सप्ताह बाद ही दो राज्यों में चुनाव हैं और कांग्रेस अंदरुनी जंग में उलझी हुई है, तब राहुल गांधी के बैंकॉक जाने पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले 2015 में भी उनके बैंकॉक जाने को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। इस बीच ट्विटर पर बैंकॉक टॉप पर ट्रेंड कर रहा है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल किया है।राहुल गांधी के बैंकॉक जाने पर तंज कसते हुए बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट किया, 'क्या आप भी हैरान हैं कि बैंकॉक क्यों ट्रेड कर रहा है।' हालांकि कांग्रेस ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। दोनों ही राज्यों में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 तारीख को चुनाव के नतीजों का ऐलान होगा। बता दें कि महाराष्ट्र में मुंबई के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने पार्टी में लोकतंत्र की कमी होने का आरोप लगाकर कांग्रेस के लिए प्रचार न करने का ऐलान किया है। वहीं, हरियाणा में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने टिकट वितरण में धांधलेबाजी में और राहुल गांधी के करीबियों को किनारे लगाने का आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।2015 में 60 दिन के लिए विदेश गए थे राहुलबता दें कि राहुल गांधी 2015 में भी बैंकॉक गए थे। तब वह 60 दिनों की छुट्टियों के बाद भारत वापस लौटे थे। उस वक्त कांग्रेस उपाध्यक्ष रहे राहुल गांधी के इतनी लंबी छुट्टी लेने पर सवाल उठे थे। राहुल गांधी 16 फरवरी, 2015 को बैंकॉक के लिए रवाना हुए थे और ठीक दो महीने बाद 16 अप्रैल को स्वदेश लौटे थे। कहा जाता है कि उस दौरान उन्होंने बैंकॉक समेत 4 दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की यात्रा की थी।आम चुनाव में हार के बाद दिया था इस्तीफागौरतलब है कि आम चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिलने की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल पार्टी की कमान उनकी मां सोनिया गांधी के पास है। कांग्रेस कार्यसमिति ने राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए मनाने की काफी कोशिशें की थीं, लेकिन वह अपने फैसले पर अड़े रहे।