Rahul Gandhi Court / लखनऊ की कोर्ट ने राहुल गांधी पर लगाया 200 रुपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

लखनऊ की ACJM कोर्ट ने नेता विपक्ष राहुल गांधी पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया और 14 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया। मामला 2022 में वीर सावरकर पर दिए उनके बयान से जुड़ा है। कोर्ट ने पेशी से छूट की अर्जी खारिज कर सख्त रुख अपनाया।

Rahul Gandhi Court: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पर लखनऊ की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट ने 200 रुपये का जुर्माना लगाया है और 14 अप्रैल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। मामला महाराष्ट्र के अकोला में दिए गए एक बयान को लेकर दर्ज किया गया था।

मामले की पृष्ठभूमि

राहुल गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कथित रूप से वीर सावरकर को "अंग्रेजों का नौकर और पेंशनभोगी" कहा था। इस बयान के खिलाफ लखनऊ की ACJM कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता का दावा है कि राहुल गांधी का यह बयान समाज में घृणा फैलाने वाला है।

कोर्ट में पेश नहीं होने पर लगा जुर्माना

आज इस मामले में राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन उनके वकील ने अदालत में पेशी से छूट की अर्जी दाखिल की। अर्जी में तर्क दिया गया कि राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष हैं और उन्हें आज एक विदेशी गणमान्य व्यक्ति से मुलाकात करनी थी, जो पहले से तय थी।

हालांकि, अदालत ने इस दलील को अस्वीकार कर दिया और राहुल गांधी की गैरहाजिरी पर 200 रुपये का जुर्माना लगा दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी को 14 अप्रैल को अनिवार्य रूप से अदालत में पेश होना होगा। यदि वे अदालत में उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

वकीलों की दलीलें

राहुल गांधी की ओर से वकील प्रांशु अग्रवाल अदालत में पेश हुए और पेशी से छूट के लिए अर्जी दी। दूसरी ओर, याचिकाकर्ता के वकील नृपेंद्र पांडे ने कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी लगातार समन के बावजूद अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

राजनीतिक और कानूनी प्रभाव

इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस पार्टी इसे राजनीतिक दबाव का परिणाम बता रही है, जबकि भाजपा और अन्य विरोधी दल इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा मान रहे हैं। राहुल गांधी पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर चुके हैं, और यह मामला उनके लिए एक नई कानूनी चुनौती बन सकता है।