Ramdas Bandu Athawale / 'उद्धव और राहुल गांधी का हिंदू वोटर्स बहिष्कार करें', ऐसा क्यों बोले रामदास आठवले?

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे पर महाकुंभ में न जाने को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इससे हिंदुत्व का अपमान हुआ है और हिंदू मतदाताओं को उनका बहिष्कार करना चाहिए। आठवले ने आरोप लगाया कि ये नेता हिंदू वोट चाहते हैं, लेकिन हिंदू परंपराओं का सम्मान नहीं करते।

Ramdas Bandu Athawale: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री और भाजपा की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख रामदास आठवले ने बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में भाग न लेकर हिंदुत्व का अपमान किया है। आठवले ने यहां तक कहा कि हिंदू मतदाताओं को इन नेताओं का बहिष्कार करना चाहिए।

महाकुंभ में शामिल न होना हिंदुत्व का अपमान

रामदास आठवले ने कहा, "ठाकरे हिंदुत्व की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने महाकुंभ में हिस्सा नहीं लिया। गांधी परिवार ने भी इसमें शामिल होने से परहेज किया। यह हिंदुओं का अपमान है। हिंदू होना और महाकुंभ में न जाना एक बड़ा विरोधाभास है। ऐसे में हिंदू मतदाताओं को इन नेताओं का बहिष्कार करना चाहिए।"

हिंदू वोट चाहते हैं, लेकिन महाकुंभ से दूरी बनाते हैं

आठवले ने अपने बयान में आगे कहा, "राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे हमेशा हिंदू वोट चाहते हैं, लेकिन जब हिंदू संस्कृति और परंपरा के सबसे बड़े आयोजन में शामिल होने की बात आती है, तो वे इससे दूरी बना लेते हैं। उन्हें लोगों की भावनाओं को समझना चाहिए और ऐसे धार्मिक आयोजनों में भाग लेना चाहिए। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे हिंदू समुदाय के प्रति सम्मान दिखाएं।"

महाराष्ट्र चुनाव में हिंदू मतदाताओं ने सिखाया सबक

रामदास आठवले ने यह भी कहा कि पिछले साल नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हिंदू मतदाताओं ने इन नेताओं को सबक सिखाया था। उन्होंने कहा, "हिंदू मतदाता समझदार हैं और वे उन नेताओं को स्वीकार नहीं करेंगे जो उनकी परंपराओं और धार्मिक आयोजनों की अनदेखी करते हैं। आने वाले चुनावों में भी जनता इन्हें जवाब देगी।"

राजनीतिक प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं

रामदास आठवले का यह बयान आगामी चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों का प्रयास है कि हिंदू वोट बैंक को मजबूत किया जाए और विपक्षी दलों को हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरा जाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और इसका आगामी चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है।