Rahul Gandhi News / इस्लामाबाद की कोर्ट में इमरान खान पर सुनवाई के दौरान गूंजा राहुल गांधी का नाम, क्यों हुआ ऐसा?

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने तोशाखाना मामले में सजा निलंबित करने की इमरान खान की अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत मंगलवार को फैसला सुनाएगा. आज यानी सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान, अदालत में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का नाम गूंजा. राहुल का जिक्र पाकिस्तान के चुनाव आयोग के वकील अमजद परवेज ने किया. उन्होंने राहुल गांधी पर भारत के अदालत के फैसले का जिक्र किया . वकील अमजद परवेज ने कहा, राहुल गांधी को एक निजी शिकायत

Vikrant Shekhawat : Aug 28, 2023, 06:18 PM
Rahul Gandhi News: इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने तोशाखाना मामले में सजा निलंबित करने की इमरान खान की अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत मंगलवार को फैसला सुनाएगा. आज यानी सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान, अदालत में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का नाम गूंजा. राहुल का जिक्र पाकिस्तान के चुनाव आयोग के वकील अमजद परवेज ने किया. उन्होंने राहुल गांधी पर भारत के अदालत के फैसले का जिक्र किया . वकील अमजद परवेज ने कहा, राहुल गांधी को एक निजी शिकायत पर दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिस पर राहुल ने सजा को निलंबित करने के लिए याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया. अदालत ने फैसला सुनाया कि सजा को निलंबित करना कोई कठोर नियम नहीं है.

बता दें कि मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता चली गई थी. गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल को ये झटका दिया था. कांग्रेस नेता ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सर्वोच्च अदालत ने 4 अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए राहुल को राहत दी और उनकी संसद सदस्यता बहाल की. कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल ने संसद के मॉनसून सत्र में हिस्सा लिया.

इमरान खान का मामला समझें

बता दें कि इस्लामाबाद की एक निचली अदालत ने इमरान खान को इस मामले में दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. इमरान को 2018 से 2022 के उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले सरकारी उपहारों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में सजा सुनाई गई थी. यही नहीं इमरान के आगामी चुनाव लड़ने पर रोक लग गई है. उन्हें पांच साल के लिए राजनीति से भी प्रतिबंधित किया गया था.

इमरान खान के वकील लतीफ खोसा ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी बहस गुरुवार को पूरी कर ली थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में दिया और खामियों से भरा हुआ है. उन्होंने अदालत से फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था, लेकिन बचाव पक्ष ने अपनी बहस को पूरी करने के लिए और वक्त दिए जाने की मांग की थी.