दुनिया / अंडमान की दुर्लभ जनजाति आई कोरोना वायरस की चपेट में, बढ़ी चिंता

अंडमान निकोबार द्वीप समूह में रहने वाली दुर्लभ जनजाति भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गई है। ग्रेट अंडमानी जनजाति के दस लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। यह चिंता का विषय इसलिए भी है, क्योंकि इस जनजाति के केवल 50 के आसपास लोग ही बचे हैं। न्यूज एजेंसी AFP ने स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि संक्रमित 10 लोगों में से छह लोगों को होम-क्वारंटाइन किया गया है जबकि बाकियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

Zee News : Aug 28, 2020, 08:50 AM
पोर्ट ब्लेयर: अंडमान निकोबार द्वीप (Andaman Islands) समूह में रहने वाली दुर्लभ जनजाति भी कोरोना वायरस (CoronaVirus) की चपेट में आ गई है। ग्रेट अंडमानी जनजाति (Great Andamanese tribe) के दस लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। यह चिंता का विषय इसलिए भी है, क्योंकि इस जनजाति के केवल 50 के आसपास लोग ही बचे हैं। 

न्यूज एजेंसी AFP ने स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि संक्रमित 10 लोगों में से छह लोगों को होम-क्वारंटाइन किया गया है जबकि बाकियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस जनजाति के लोग स्ट्रेट द्वीप पर रहते हैं और सरकार उनकी जरूरतों का ख्याल रखती है।

लगभग 400,000 की आबादी वाले अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कोरोना से अब तक 37 लोगों की मौत हुई है। जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 2,268  के आसपास है। हाल ही में पोर्ट ब्लेयर में इस जनजाति के लोगों के छह सदस्यों के संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्ट्रेट द्वीप पर एक टीम भेजी थी। 

अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती

वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी अविजीत रॉय न बताया कि टीम ने 37 लोगों के नमूने लिए थे, जिनमें से ग्रेट अंडमानी जनजाति के चार सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि कुछ अन्य सदस्यों को घर में पृथक-वास में रखा गया है। वहीं, आदिवासी कल्याण से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी संजीव मित्तल ने कहा कि हम जनजाति के सभी सदस्यों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जनजाति के कुछ लोग शहर में छोटी-मोटी नौकरियां भी करते हैं। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि वो शहर से ही कोरोना वायरस लेकर द्वीप पहुंचे होंगे। स्वास्थ्य अधिकारियों की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संक्रमण बाकी द्वीपों की जनजातियों तक न फैले। 


कभी 5000 के आसपास थी आबादी

कहा जाता है कि ग्रेट अंडमानी जनजाति तब से रह रही है जब 19 वीं सदी में अंग्रेज यहां आये थे। उस वक्त उनकी आबादी 5000 के आसपास थी, लेकिन अंग्रेजों से संघर्ष और कई दूसरी महामारियों के प्रकोप के चलते इनकी संख्या तेजी से घटती गई। आज इस जनजाति के बमुश्किल 50 लोग ही बचे हैं। हाल के दिनों में, ग्रेट अंडमानी और जारवा एवं सेंटीनेलीज जैसी अन्य जनजातियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। सख्त सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद शिकारी इस क्षेत्र में आते रहते हैं। 


सभी जरूरी कदम उठाएं

स्थानीय मीडिया के अनुसार, बताया कि पिछले सप्ताह जारवा जनजाति के क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले आठ मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था। जनजातियों पर काम करने वाली सर्वाइवल संस्था की शोधकर्ता सोफी ग्रिग ने कहा कि ग्रेट अंडमानी जनजाति का कोरोना की चपेट में आना चिंता का विषय है। सरकार को उनकी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर सेंटीनल के आसपास के पानी को साफ किया जाना चाहिए और किसी भी अंडमानी जनजाति की इजाजत के बिना किसी को भी इलाके में आने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। ग्रिग ने कहा कि हमने अमेरिका, ब्राजील और पेरू में दुर्लभ जनजातियों को खत्म होते देखा है। इसलिए भारत सरकार को इस दिशा में व्यापक कदम उठाने चाहिए।