Reserve Bank Of India / बीएनपी पारिबा और 3 अन्य बैंकिंग संस्थाओं पर RBI ने लगाया जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामल

भारतीय रिजर्व बैंक ने बीएनपी पारिबा पर 31.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जो वैधानिक अनुपालन की कमी के लिए है। इसके अतिरिक्त, हेवलेट पैकार्ड फाइनेंशियल सर्विसेज पर 10.4 लाख, मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस पर 7.9 लाख, और एसएमएफजी इंडिया पर 23.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

Vikrant Shekhawat : Sep 15, 2024, 06:30 AM
Reserve Bank Of India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को विभिन्न वित्तीय संस्थाओं पर जुर्माना लगाने की घोषणा की, जिसमें प्रमुख रूप से बीएनपी पारिबा पर 31.8 लाख रुपये का जुर्माना शामिल है। इस कदम के तहत आरबीआई ने वित्तीय संस्थाओं द्वारा नियामकीय और वैधानिक अनुपालन की जांच की और पाया कि कुछ संस्थाओं ने मानदंडों का पालन नहीं किया था।

बीएनपी पारिबा पर जुर्माना का कारण

बीएनपी पारिबा पर लगाए गए जुर्माने का मुख्य कारण 'अग्रिमों पर ब्याज दर' से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन न करना था। केंद्रीय बैंक ने अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि बीएनपी पारिबा ने समान ऋण श्रेणियों में एकसमान बाहरी मानक दरों को अपनाने में विफलता दिखाई। रिजर्व बैंक ने इस मामले में 31 मार्च, 2023 तक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में एक वैधानिक निरीक्षण किया और इसके बाद बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बैंक के जवाब और सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए गए तथ्यों पर विचार करने के बाद, आरबीआई ने पाया कि आरोप सही थे और इसलिए जुर्माना लगाया गया।

अन्य संस्थाओं पर जुर्माना

  • आरबीआई ने अन्य संस्थाओं पर भी जुर्माना लगाया है:
  • हेवलेट पैकार्ड फाइनेंशियल सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड: इस कंपनी पर 10.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
  • मुथूट व्हीकल एंड एसेट फाइनेंस लिमिटेड: इस संस्थान पर 7.9 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
  • एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड (पूर्व में फुलर्टन इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड): इस पर 23.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जुर्माने का उद्देश्य

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि इन जुर्मानाओं का उद्देश्य संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता पर फैसला करना नहीं है। जुर्माना केवल वैधानिक और नियामकीय अनुपालन में कमी के आधार पर लगाया गया है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि वित्तीय संस्थाएं नियामक दिशा-निर्देशों का पालन करें और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखें।

निष्कर्ष

आरबीआई द्वारा लगाए गए इन जुर्मानाओं से यह स्पष्ट होता है कि केंद्रीय बैंक वित्तीय संस्थाओं के अनुपालन मानकों को लेकर बेहद सतर्क है। यह कदम भारतीय वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। वित्तीय संस्थानों को चाहिए कि वे नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि इस तरह की कार्रवाई से बचा जा सके और वित्तीय प्रणाली की साख बनी रहे