देश / लॉकडाउन 3.0 में 'रेड जोन' भी कुछ खास है, यहां शुरू होंगी ये गतिविधियां

कोरोना का लॉकडाउन 3.0 सोमवार यानी 4 मई से शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने इसमें बहुत सी छूटों का ऐलान किया है। रेड जोन, जिसे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर खतरनाक माना गया है, वहां पर भी कई तरह की गतिविधियां चालू होने जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनरेगा के काम शुरू होंगे तो वहीं दूसरी ओर कृषि, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और ईंट-भट्टों सहित सभी औद्योगिक व निर्माण गतिविधियों की अनुमति दी गई है।

AMAR UJALA : May 03, 2020, 05:05 PM
दिल्ली: कोरोना का लॉकडाउन 3.0 सोमवार यानी 4 मई से शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने इसमें बहुत सी छूटों का ऐलान किया है। रेड जोन, जिसे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर खतरनाक माना गया है, वहां पर भी कई तरह की गतिविधियां चालू होने जा रही हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनरेगा के काम शुरू होंगे तो वहीं दूसरी ओर कृषि, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और ईंट-भट्टों सहित सभी औद्योगिक व निर्माण गतिविधियों की अनुमति दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में वस्तुओं की प्रकृति के भेद के बिना, शॉपिंग मॉल को छोड़कर अन्य सभी दुकान खोलने की मंजूरी प्रदान की गई है।

यदि कोई स्वास्थ्य कर्मी या अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार है, तो उसे एयर एंबुलेंस के माध्यम से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकेगा। बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), बीमा एवं पूंजी बाजार की सभी गतिविधियां शुरू की जा रही हैं।

गृह मंत्रालय के अनुसार, रेड जोन में बच्चे, वरिष्ठ नागरिकों, निराश्रितों, महिलाओं और विधवाओं आदि के रहने के लिए जो आश्रयस्थल बनाए गए हैं, अब उनका संचालन पहले की भांति चालू हो जाएगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बंद पड़े आंगनवाड़ी केंद्र दोबारा से शुरू होंगे।

रेड जोन में बिजली, पानी, स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, दूरसंचार और इंटरनेट गतिविधियां चालू करने की अनुमति दी गई है। इन क्षेत्रों में अन्य दोनों जोन की तर्ज पर कूरियर एवं डाक सेवाओं का परिचालन भी होगा।

कृषि क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला में सभी गतिविधियों जैसे, बुवाई, कटाई, खरीद और विपणन प्रक्रिया की अनुमति दी गई है। समुद्री मत्स्य पालन भी शुरू हो रहा है। सभी प्रकार की बागान गतिविधियों, मसलन प्रसंस्करण और विपणन आदि सेवाओं की अनुमति दे दी गई है। 

रेड जोन में स्थित अधिकांश व्यावसायिक और निजी प्रतिष्ठान अपना कामकाज शुरू करेंगे। इनमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी व इससे संबंधित सक्षम सेवाएं, डेटा कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउसिंग सेवाएं, निजी सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन सेवाएं व सैलून आदि को छोड़कर केवल स्व-नियोजित व्यक्तियों द्वारा प्रदान की गई सेवाएं शामिल रहेंगी।

दवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों, उनके कच्चे माल, आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयों, निरंतर प्रसंस्करण और आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता वाली उत्पादन इकाइयों को अलग-अलग पारियों में काम करने के लिए कहा गया है।

इन सभी कार्यों में सैनिटाइजर और दो गज की दूरी के नियम सख्ती से पालन करना होगा। इसी तरह सामाजिक दूरी को बरकरार रखते हुए जूट उद्योग और आईटी हार्डवेयर की विनिर्माण एवं पैकेजिंग सामग्री तैयार करने वाली विनिर्माण इकाइयों को भी कामकाज की अनुमति प्रदान की गई है।

ऑरेंज और रेड जोन में स्वीकृत की गई गतिविधियों के अलावा, टैक्सी व कैब एग्रीगेटर्स को केवल 1 ड्राइवर और 2 यात्रियों के साथ चलने की अनुमति दी जाएगी। एक जिले से दूसरे जिले में आने वाले लोगों और वाहनों को केवल स्वीकृत गतिविधियों के लिए मंजूरी मिलेगी। चार पहिये वाले वाहनों में ड्राइवर के अलावा अधिकतम दो यात्री बैठ सकेंगे। दोपहिया वाहनों पर दूसरी सवारी बैठाने की अनुमति दी गई है।


रेड जोन को लेकर जिले के वर्गीकरण को घटा नहीं सकेंगे राज्य 

केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के रूप में परिभाषित किया है। जिलों की पहचान करने के मापदंड भी तैयार किए गए हैं।

ग्रीन जोन में ऐसे जिले शामिल किए गए हैं, जहां पर अभी तक कोरोना संक्रमण का कोई भी पुष्ट मामला सामने नहीं आया है या पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला देखने को नहीं मिला।

रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण करते समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या, कंफर्म मामलों के दोगुना होने की दर, जिलों से प्राप्त कुल परीक्षण (टेस्टिंग) और निगरानी सुविधा संबंधी जानकारियों को ध्यान में रखा जाएगा।

बहुत से राज्यों में अनेक ऐसे भी जिले हैं, जिन्हें न तो रेड जोन और न ही ग्रीन जोन में रखा गया है। ऐसे जिलों को ऑरेंज जोन का हिस्सा बनाया गया है।

रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के रूप में जिलों के वर्गीकरण को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हर सप्ताह या आवश्यकतानुसार उससे पहले साझा किया जाएगा।

राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश कुछ नए जिलों को रेड व ऑरेंज जोन में शामिल कर सकते हैं, लेकिन वे किसी ऐसे जिले के वर्गीकरण को घटा नहीं सकते हैं, जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रेड या ऑरेंज जोन की सूची में शामिल किया हो।