News18 : Apr 28, 2020, 02:26 PM
नई दिल्ली। चीन (China) से दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। दिसंबर 2019 को चीन के वुहान (Wuhan) में जब कोरोना का पहला मामला सामने आया था तब से लेकर अभी तक इस वायरस के चपेट में आने से 30 लाख से ज्यादा लोग बीमार पड़ चुके हैं जबकि दो लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच अब खबर आ रही है कि इस जानलेवा वायरस ने खुद में बड़ा बदलाव कर लिया है। बता दें कि कोरोना वायरस ने अब तक 10 अलग-अलग तरह के बदलाव किए हैं। इन्हीं बदलावों में से एक है A2a। वैज्ञानिकों ने शोध (Research) में पाया है कि A2a टाइप वायरस पहले वाले वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है और पूरी दुनिया में इसी संक्रमण के चलते मरीजों की संख्या में अब इजाफा देखा जा रहा है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जिनोमिक्स, कल्याणी बंगाल (NIBG) के एक शोध में पता चला है कि A2a वायरस ने अब पूरी दुनिया में अपना कब्जा जमा लिया है। शोध के मुताबिक वायरस का ये बदलाव और भी ज्यादा खतरनाक है। ये सीधे इंसान के फेफड़े पर अटैक करता है, जिसके कारण इंसान के बचने की संभावना काफी कम हो जाती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक ये वायरस काफी हद तक SARSCoV वायरस जैसा हो गया है जिसने दस साल पहले करीब 800 लोगों की जान ले ली थी और आठ हजार से अधिक लोगों को संक्रमित कर दिया था। ये वायरस बहुत तेजी से फेफड़ों पर हमला करता है और उन्हें काफी नुकसान पहुंचाता है। शोध के अनुसार, A2a वायरस का तेजी से ट्रांसमिशन होता है और कोविड-19 का यह टाइप पूरी दुनिया में फैल रहा है।
कोरोना वायरस का ये बदलाव वैज्ञानिक दृष्टि से काफी अहम है क्योंकि इससे वैज्ञानिकों को वैक्सीन बनाने में काफी मदद मिलेगी। शोध के मुताबिक पिछले 4 महीने में कोरोना वायरस के 10 प्रकार मिल चुके हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जिनोमिक्स, कल्याणी बंगाल (NIBG) के एक शोध में पता चला है कि A2a वायरस ने अब पूरी दुनिया में अपना कब्जा जमा लिया है। शोध के मुताबिक वायरस का ये बदलाव और भी ज्यादा खतरनाक है। ये सीधे इंसान के फेफड़े पर अटैक करता है, जिसके कारण इंसान के बचने की संभावना काफी कम हो जाती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक ये वायरस काफी हद तक SARSCoV वायरस जैसा हो गया है जिसने दस साल पहले करीब 800 लोगों की जान ले ली थी और आठ हजार से अधिक लोगों को संक्रमित कर दिया था। ये वायरस बहुत तेजी से फेफड़ों पर हमला करता है और उन्हें काफी नुकसान पहुंचाता है। शोध के अनुसार, A2a वायरस का तेजी से ट्रांसमिशन होता है और कोविड-19 का यह टाइप पूरी दुनिया में फैल रहा है।
कोरोना वायरस का ये बदलाव वैज्ञानिक दृष्टि से काफी अहम है क्योंकि इससे वैज्ञानिकों को वैक्सीन बनाने में काफी मदद मिलेगी। शोध के मुताबिक पिछले 4 महीने में कोरोना वायरस के 10 प्रकार मिल चुके हैं।