Vikrant Shekhawat : Dec 26, 2021, 03:21 PM
स्पोर्ट्स डेस्क: भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने 41 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। शुक्रवार को उन्होंने तीनों प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। भारत के लिए 350 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के अनुभव वाले हरभजन ने संन्यास के एक दिन बाद अलग-अलग मामलों पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने राष्ट्रीय टीम से बाहर रहने पर अपना दर्द बयां किया। हरभजन 2011 वनडे वर्ल्ड कप के बाद से टीम से अंदर-बाहर होते रहे, इसके बाद रविचंद्रन अश्विन के टीम से जुड़ने के बाद वह नजरअंदाज होने लगे। भज्जी से जब टीम से बाहर होने के संबंध में पूछा गया तब उन्होंने कहा, 'उन्हें बाहर करने का कारण नहीं बताया गया।'हरभजन ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कह, 'जब कोई 400 से अधिक विकेट लेता है और फिर उसे मौका नहीं मिलता है या उसे ड्रॉप का कारण नहीं बताया जाता है, तो कई सवाल मन में उठते हैं। मैंने कई लोगों से टीम से बाहर होने के बारे में पूछा, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला।'पूर्व क्रिकेटर ने यह भी कहा कि अगर उन्हें 2012 के बाद 'कुछ खास लोगों' का समर्थन मिला होता तो उन्होंने 500 या 550 टेस्ट विकेट हासिल कर लिए होते। वह इस बात से भी निराश थे कि उन्हें उनके प्रशंसनीय प्रदर्शन के बावजूद समर्थन नहीं मिला।भज्जी ने आगे कहा, 'मैं कहूंगा कि अगर मुझे सही समय पर समर्थन मिलता, तो मैं 500-550 विकेट के बाद बहुत पहले ही संन्यास ले लेता क्योंकि जब मैं 400 विकेट के आंकड़े तक पहुंचा था तब मैं 31 साल का था। अगर मैं 3-4 साल और खेलता, तो मैं 500 विकेट तक पहुंच जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।'