Vikrant Shekhawat : Oct 31, 2019, 06:46 PM
Sardar Patel Jayanti | लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के बीच पटेल के बड़े भाई विट्ठल भाई के कारण कानूनी अड़चन आ गई थी। मामला पहले सेशन और फिर जिला न्यायालय तक पहुंचा। विट्ठल भाई पटेल ने अपने वसीयत का तीन चौथाई हिस्सा सुभाषचन्द्र बोस के नाम कर दिया था। मामला न्यायालय में गया और विट्ठल भाई की संपत्ति का वारिस मानते हुए सरदार पटेल को ही संपत्ति का हकदार माना।
विट्ठल भाई ने आस्ट्रिया में यह वसीयत तैयार की थी। वह कांग्रेस की शैली से संतुष्ट नहीं थे और मानते थे कि सुभाष को देश की आजादी के लिए धन देना उपयुक्त होगा। शायद इसीलिए उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा बोस के नाम किया था। बैरिस्ट्री पढ़ने को ब्रिटेन जाने के टिकट के मुद्दे पर किस तरह दोनों भाइयों में मामला उलझा जो बाद में राजनीतिक मतभेदों से होते हुए खिंचता चला गया।
विट्ठल भाई ने आस्ट्रिया में यह वसीयत तैयार की थी। वह कांग्रेस की शैली से संतुष्ट नहीं थे और मानते थे कि सुभाष को देश की आजादी के लिए धन देना उपयुक्त होगा। शायद इसीलिए उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा बोस के नाम किया था। बैरिस्ट्री पढ़ने को ब्रिटेन जाने के टिकट के मुद्दे पर किस तरह दोनों भाइयों में मामला उलझा जो बाद में राजनीतिक मतभेदों से होते हुए खिंचता चला गया।