देश / 31 जुलाई तक लागू करें 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना: राज्यों व यूटी से एससी

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को 31 जुलाई 2021 तक 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना लागू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कोविड-19 संकट रहने तक प्रवासी कामगारों के लिए कम्युनिटी किचन सेवा जारी रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने केंद्र से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक पोर्टल विकसित करने को भी कहा है।

One Nation One Ration Card Scheme: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को  one nation one ration card को लागू करने को लेकर बड़ा निर्देश जारी किया है. कोर्ट ने इस योजना के लिए 31 जुलाई, 2021 की समय -सीमा तय की है. इस योजना से तहत प्रवासी मजदूरों को बड़ा लाभ मिलेगा और देश के किसी भी हिस्से में उन्हें राशन लेने की सुविधा मिल सकेगी. सुप्रीम कोर्ट ने COVID19 के कारण प्रवासी कामगारों के कल्याण के संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कोर्ट ने सरकारों को निर्देश दिया कि वे प्रवासी श्रमिकों के लिए सूखा राशन प्रदान करें और महामारी जारी रहने तक सामुदायिक रसोई जारी रखें. 

सुप्रीम कोर्ट ने ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के लिए 31 जुलाई, 2021 की समय सीमा तय की है और कोर्ट  ने केंद्र से असंगठित और प्रवासी श्रमिकों को पंजीकृत करने और पोर्टल को पूरा करने और 31 जुलाई, 2021 के बाद प्रक्रिया शुरू करने के लिए NIC के परामर्श से एक पोर्टल विकसित करने को कहा है.

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों से दोबारा बुरी तरह प्रभावित हुए प्रवासी कामगारों के लिए खाद्य सुरक्षा, नकदी हस्तांतरण और अन्य कल्याणकारी उपाय सुनिश्चित करने के केंद्र और राज्यों को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी मंगलवार को अपना फैसला सुनाया है.

जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने 11 जून को इस संबंध में कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और इस सिलसिले में एक नई याचिका 2020 के स्वत: संज्ञान वाले लंबित मामले में दायर की गई थी. कोर्ट ने पिछले साल मई महीने में ही कोविड की वजह से परेशान प्रवासी कामगारों के हित में संज्ञान लिया था और कई निर्देश जारी किए थे.