Vikrant Shekhawat : Jun 07, 2021, 12:52 PM
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना अपने जीवन की सुरक्षा की मांग करने वाले दो लिव-इन-कपल्स की याचिका पर तत्काल विचार करने का निर्देश दिया है. इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने दोनों कपल्स की याचिका को खारिज कर दिया था.पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पिछले महीने दो अलग-अलग आदेश पारित किए थे, जिसमें कहा गया था कि सहमति देने वाले वयस्कों को कोई भी सुरक्षा प्रदान करना समाज के पूरे सामाजिक ताने-बाने को परेशान करेगा, क्योंकि लिव-इन रिलेशनशिप सामाजिक या नैतिक रूप से स्वीकार्य नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट के सामने दो आदेशों को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं के के वकील अभिमन्यु तिवारी ने तर्क दिया कि जोड़े शादी करने के इच्छुक वयस्कों की सहमति दे रहे हैं. हालांकि वो भाग रहे थे क्योंकि उनके परिवार उनका विरोध कर रहे थे और यहां तक कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी.न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाश पीठ ने उनकी अपीलों पर विचार करते हुए कहा कि ये मामला नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता से संबंधित है. एक दंपति ने इस साल अप्रैल में पंजाब के तरनतारन जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा के लिए पत्र लिखा था और लगभग उसी समय दूसरी याचिका में दंपति ने हरियाणा में एसएसपी, जींद से सुरक्षा की मांग की थी.पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 11 मई को कहा था कि याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका दायर करने की आड़ में अपने लिव-इन-रिलेशनशिप पर मंजूरी की मांग कर रहे हैं, जो नैतिक और सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं है और कोई सुरक्षा आदेश पारित नहीं किया जा सकता है.