News18 : Mar 16, 2020, 01:00 PM
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। इसके तुरंत बाद विधानसभा 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में कमलनाथ सरकार को अल्पमत में बताते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दायर इस याचिका में अगले 48 घंटों के भीतर मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई है।इससे पहले पल-पल बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एमपी विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को शुरू हुई। राज्यपाल लालजी टंडन ने एक मिनट से भी कम का अभिभाषण देकर इसकी शुरुआत की। उनका भाषण पढ़ा समझ लिया गया। राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा, 'जिसका जो दायित्व है वो उसका निर्वहन करे।सभी संविधान और परंपरा का पालन करें। मध्य प्रदेश के गौरव की रक्षा हो।' इस बीच विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद 26 मार्च तक विधानसभा स्थगित कर दी गई।
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने की वजह कोरोना वायरस बताया गया है। राज्यपाल के सदन से जाते हुी हंगामा तेज हो गया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने गवर्नर की चिट्ठी पढ़ी, जिस पर स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि मुझसे पत्राचार नहीं हुआ है। उसके बाद दोनों पक्षों के सदस्य नारे लगाने लगे। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित की गयी। उसके बाद स्पीकर ने कोरोना वायरस के मद्देनजर एहतियातन 26 मार्च तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने का ऐलान कर दिया। बता दें कि 26 मार्च को ही राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान भी है।
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करने की वजह कोरोना वायरस बताया गया है। राज्यपाल के सदन से जाते हुी हंगामा तेज हो गया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने गवर्नर की चिट्ठी पढ़ी, जिस पर स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि मुझसे पत्राचार नहीं हुआ है। उसके बाद दोनों पक्षों के सदस्य नारे लगाने लगे। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए स्थगित की गयी। उसके बाद स्पीकर ने कोरोना वायरस के मद्देनजर एहतियातन 26 मार्च तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने का ऐलान कर दिया। बता दें कि 26 मार्च को ही राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान भी है।