देश / राज्यसभा उपसभापति के बचाव में आए केंद्र के छह मंत्री, साझा प्रेसवार्ता में विपक्ष पर अटैक

कृषि से जुड़े दो बिल को ध्वनि मत से राज्यसभा में पास करवाया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे कृषि इतिहास में बड़ा दिन बता चुके हैं। वहीं आज राज्यसभा में काफी हंगामा भी देखा गया और राज्यसभा के उपसभापति का अनादर भी विपक्षी सांसदों ने किया। जिस पर केंद्र सरकार के 6 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इनमें राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, थावर चंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी शामिल रहे।

AajTak : Sep 21, 2020, 06:54 AM
Delhi: कृषि से जुड़े दो बिल को ध्वनि मत से राज्यसभा में पास करवाया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे कृषि इतिहास में बड़ा दिन बता चुके हैं। वहीं आज राज्यसभा में काफी हंगामा भी देखा गया और राज्यसभा के उपसभापति का अनादर भी विपक्षी सांसदों ने किया। जिस पर केंद्र सरकार के 6 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इनमें राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, प्रहलाद जोशी, पीयूष गोयल, थावर चंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी शामिल रहे।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का अनादर करने के मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह घटना काफी गलत थी। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। यह दुखद थी। संसदीय मर्यादा का उल्लंघन हुआ। उपसभापति के साथ किया गया आचरण गलत था। आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना काफी दुखद था। इससे न केवल उनकी प्रतिष्ठा को बल्कि संसदीय लोकतंत्र को भी चोट पहुंची है।

राजनाथ सिंह ने कहा, 'आज राज्यसभा में दो कृषि विधेयकों के ऊपर हुई चर्चा के दौरान कुछ विपक्ष के नेताओं द्वारा किए गए जिस तरह का असंसदीय व्यवहार किया गया, उसको मैं बेहद दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण और उससे भी बड़ी बात शर्मनाक मानता हूं। आज तक भारत के संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुआ था कि आसन के सामने सदन की नियम पुस्तिका को फाड़ा गया हो, माइक को तोड़ा गया हो, आसन की मेज पर चढ़कर अशोभनीय हरकतें की गई हों।'

राजनाथ सिंह ने कहा, 'जो आज राज्यसभा में अशोभनीय व्यवहार हुआ है, उसमें निश्चित रूप से संसदीय गरिमा का नुकसान हुआ है। संसदीय लोकतंत्र में मर्यादाओं का बड़ा ही अहम स्थान है। जब संसदीय मर्यादाएं टूटती है तो लोकतंत्र की परम्पराएं भी शर्मसार और तार-तार होती है। कुछ विपक्षी सांसदों द्वारा उपसभापति के साथ जिस तरह का आचरण किया गया है, मैं उसकी भर्त्सना करता हूं।'


खत्म नहीं होगी एमएसपी

इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि बिल पर कहा कि दोनों विधेयक ऐतिहासिक है। केवल भ्रामक तथ्यों के आधार पर किसानों को गुमराह किए जाने की कोशिश की जा रही है। इन बिल से किसानों की आय बढ़ेगी। किसानों की आय दोगुना करने की तरफ यह बड़ा कदम है। एमएसपी और एपीएमसी को खत्म नहीं किया जा रहा है।

दरअसल, राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और  कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 पास हो गए हैं। बिल ध्वनि मत से पास हुए। इस दौरान विपक्ष के जरिए काफी हंगामा भी किया गया। वहीं अब बिल को लेकर मोदी सरकार विपक्ष पर हमलावर हो रही है।

रूल बुक फाड़ी

बता दें कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी थी। डेरेक ओ ब्रायन और तृणमूल कांग्रेस के बाकी सांसदों ने आसन के पास जाकर रूल बुक दिखाने की कोशिश की और उसको फाड़ा। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया। 

विपक्ष के हंगामे के बीच नरेंद्र सिंह तोमर जवाब देते रहे। इस बीच सदन में हंगामा कर रहे सांसदो ने आसन के सामने लगे माइक को भी तोड़ दिया। इसके अलावा राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी सांसदों की ओर से नारेबाजी भी देखने को मिली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए।

'करोड़ों किसान सशक्त होंगे।'

वहीं कृषि बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।'

एमएसपी के मुद्दे पर अपनी बात दोहराते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं, एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।'