बंगाल / स्पीकर ने शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे को किया खारिज, कहा- प्रारूप सही नहीं

पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने शुभेंदु अधकारी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया। उन्होंने कहा है कि इस्तीफा सही प्रारूप में नहीं है। स्पीकर ने शुभेंदु अधिकारी को 21 दिसंबर को तलब किया और कहा कि उन्हें खुद आकर इस्तीफा देना होगा। बता दें कि शुभेंदु अधिकारी, जो पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में मंत्री थे, ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

Vikrant Shekhawat : Dec 18, 2020, 06:21 PM
पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने शुभेंदु अधकारी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया। उन्होंने कहा है कि इस्तीफा सही प्रारूप में नहीं है। स्पीकर ने शुभेंदु अधिकारी को 21 दिसंबर को तलब किया और कहा कि उन्हें खुद आकर इस्तीफा देना होगा। बता दें कि शुभेंदु अधिकारी, जो पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में मंत्री थे, ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले बुधवार को टीएमसी में अच्छी पकड़ रखने वाले शुभेंदु अधकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं।

शुभेंदु अधकारी पिछले कई दिनों से राज्य की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से नाराज थे। उन्हें समझाने की कई बार कोशिश भी की गई, लेकिन उन्होंने टीएमसी छोड़ने का मन बना लिया था। टीएमसी में शुभेंदु अधकारी का कद काफी बड़ा था। दरअसल, पश्चिम बंगाल की 65 विधानसभा सीटों पर अधकारी परिवार की मजबूत पकड़ है। ये सीटें राज्य के छह जिलों में फैली हैं।

शुभेंदु अधकारी के इस्तीफे के बाद टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। जितेंद्र तिवारी वर्तमान में पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। यह इस्तीफा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के भीतर बढ़ते विद्रोह की ओर इशारा कर रहा है।

शुभेंदु अधिकारी के प्रभाव वाली सीटों की संख्या राज्य की कुल 294 सीटों में से एक-पाँचवीं से अधिक है। शुभेंदु अधकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांथी दक्षिण से कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन बाद में तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक बन गए।

शुभेंदु अधिकारी 2009 से कंठी सीट से तीन बार विधायक चुने गए हैं। 2007 में, शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक इंडोनेशियाई रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन चलाया। इस आंदोलन ने 34 वर्षों तक सत्तारूढ़ वाम दलों को सत्ता से बाहर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।