Vikrant Shekhawat : May 11, 2021, 08:55 AM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court of India) में कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान सभी राज्यों को दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी (Black Marketing of Drugs) के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष दलों का गठन करना चाहिए और यह स्पष्ट देना चाहिए कि ‘‘लोगों की तकफीलों का व्यापार’’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.जीरो टॉलरेंस और कड़ी निगरानी रखें (Keep zero tolerance and close monitoring)खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों को सूचित कर दिया है कि दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी (Black Marketing of Drugs) के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ रखें और कड़ी निगरानी रखने के साथ-साथ सख्त कार्रवाई भी करें.हलफनामे मुताबिक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए औषधि और प्रशासन कानून, आवश्यक वस्तु अधिनियम आदि संबंधित कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई करें.सभी राज्य सरकारें कार्रवाई सुनिश्चित करें (All State Governments Ensure Action)केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि कालाबाजारी की समस्या से आवश्यक रूप से पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन निपटता है. चूंकि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है, ऐसे में सभी राज्य सरकारें सुनिश्चित करें कि राज्य, जिला और तालुका स्तर पर गठित विशेष दल दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और स्पष्ट संदेश दें कि लोगों की तकफीलों का व्यापार किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.अब तक 157 मामलों में कार्रवाई की गई (Action has been taken in 157 cases so far)हलफनामे में कहा गया है कि देश भर में अभी तक ऐसे 157 मामलों में कार्रवाई की गई है, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करना और आरोपियों की गिरफ्तारी शामिल है. महामारी के दौरान जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति और सेवा बहाली के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है. न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 30 अप्रैल को दवाओं की कालाबाजारी का मुद्दा उठाया था.