Uttar Pradesh News / स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ी समाजवादी पार्टी, MLC पद से भी दिया इस्तीफा

स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी है. सपा के महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है. इसके साथ ही उन्होंने एमएलसी (MLC) पद से भी इस्तीफा दे दिया है. जानकारी है कि वो 22 फरवरी को अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्वामी प्रसाद मौर्य एक रैली को संबोधित करेंगे. स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर खुद ही

Vikrant Shekhawat : Feb 20, 2024, 01:39 PM
Uttar Pradesh News: लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने एमएलसी पद से भी त्यागपत्र दे दिया है। स्वामी प्रसाद ने पार्टी में हो रही लगातार उपेक्षा को इस्तीफे की वजह बताया है।

सोशल मीडिया एक्स पर दी इस्तीफे की जानकारी

स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर खुद ही इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने ‘एक्‍स’ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और विधान परिषद के सभापति के नाम संबोधित त्यागपत्र के अलग-अलग पन्नों को शेयर  किया है। मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा, ‘आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ किंतु 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए पहल नहीं करने के परिणामस्‍वरूप मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे रहा हूं।’ 

विधान परिषद के सभापति को लिखे पत्र में मौर्य ने कहा, ‘ मैं सपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, उप्र निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुआ। चूंकि मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसीलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद, उप्र की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।’

पार्टी में हमारी बात नहीं सुनी गई-स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ों का आरक्षण खत्म किया जा रहा है। जातिवार गणना की मांग को लेकर सड़क पर उतरना चाहिए था। बेरोजगारी बेतहाशा बढी है, महंगाई से लोगों की कमर टूट रही है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इन सब मुद्दों को लेकर हमने सड़क पर उतरने का अनुरोध किया था। लेकिन आज तक पार्टी में हमारी बातें सुनी नहीं गईं। जब संगठन में ही भेदभाव है, एक राष्ट्रीय महासचिव का हर बयान निजी हो जाता है... जब पद में ही भेदभाव है और मैं भेदभाव के खिलाफ ही लड़ाई लड़ता हूं तो ऐसे पद पर रहने का औचित्य क्या है? 

अब कार्यकर्ता तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है-स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैंने इन सारी बातों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को 13 तारीख को इस्तीफे का पत्र भेजा था, उन्होंने बात करना मुनासिब नहीं समझा इसलिए मैं कदम आगे बढ़ा रहा हूं। जब स्वामी प्रसाद मौर्य से यह पूछा गया कि अब उनकी आगे की रणनीति क्या रहेगी तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने काह कि अब कार्यकर्ता तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है।