विदेश / अगर हम चीन के कब्ज़े में आ गए तो एशिया में इसके विनाशकारी परिणाम होंगे: ताइवान

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने कहा है, "ताइवान अगर चीन के हाथ में चला गया तो क्षेत्रीय (एशिया) शांति और लोकतांत्रिक साझेदारी के लिए यह विनाशकारी साबित होगा।" उन्होंने कहा, "हम शांति चाहते हैं लेकिन हमारे लोकतंत्र और जीवन शैली को खतरा पहुंचा तो ताइवान आत्मरक्षा के लिए जो कुछ भी ज़रूरी समझेगा, वह करने के लिए तैयार है।"

Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2021, 07:33 AM
ताइवान: ताइवान (Taiwan) ने कहा कि चीन 2025 तक बड़े पैमाने पर आक्रमण कर सकता है। ताइवान के रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग (Chiu Kuo-cheng) को बुधवार को देश की संसद में एक सांसद के सवाल के जवाब में कहा कि चीन के साथ 40 वर्षों के दौरान वर्तमान स्थिति सबसे खराब है। दरअसल, हाल के दिनों में चीन ने लगातार ताइवान के क्षेत्र में युद्धक विमानों की घुसपैठ की है।

एक अक्टूबर से लेकर अब तक ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में करीब 150 चीनी लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है। इसे लेकर ताइवान ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस बीच अमेरिकी वाइट हाउस ने भी चीन की इस गतिविधि को उकसावे वाली बताया है। अमेरिका ने ताइवान को सहयोग और समर्थन देने की बात कही है।

ताइवान ने कहा है कि अपने आपको बचाने के लिए हमें जो भी कदम उठाना पड़ेगा, हम उसके लिए तैयार हैं। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने दो टूक कहा कि हर हालत में ताइवान अपनी रक्षा करेगा।

चीन से काफी छोटे देश ताइवान का आरोप है कि बीजिंग पिछले कई दिनों से हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर रहा है। ऐसे में चेतावनी देते हुए उसने कहा है कि लड़ाकू विमानों की घुसपैठ के बाद अगर चीन ने हम पर कब्जा किया तो क्षेत्रीय शांति के लिए इसके विनाशकारी परिणाम होंगे।

ताइवान पर चीन द्वारा दबाव बनाने की कोशिश पर ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन (Tsai Ing-wen) ने कहा कि याद रखना चाहिए कि अगर ताइवान पर कब्जा होता है तो स्थानीय शांति और लोकतांत्रिक गठबंधन सिस्टम के लिए इसके परिणाम विनाशकारी साबित होंगे।

एक अलग बयान में सांसद मार्को रुबियो ने कहा कि शुक्रवार से लेकर अब तक ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में चीन के 145 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है। ये गतिविधियां ताइवान के राष्ट्रीय दिवस से कुछ दिनों पहले और चीन के राष्ट्रीय दिवस पर शुरू हुईं।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि हम ताइवान के समीप चीन की उकसावे वाली सैन्य गतिविधि को लेकर चिंतित हैं, जो क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को कमतर करती है।