Vikrant Shekhawat : Aug 08, 2022, 06:49 PM
Azadi Ka Amrit Mahotsav: भारत सरकार देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रही है. केंद्र सरकार ने इस खास मौके पर देश की ऐतिहासिक इमारतों को तिरंगे की रोशनी से सजाने का फैसला किया है. लेकिन ताजमहल के मामले में यह नियम लागू नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट के एक विशेष निर्देश के चलते रात में ताजमहल में रोशनी नहीं की जा सकती है. संयोग से, ताजमहल भारत का पहला ऐसा स्मारक है जिसे किसी उत्सव के लिए पहली बार रात में रोशन किया गया था.द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सजाया गया था ताजमहलआगरा के टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर के एडिटर विशाल शर्मा ने बताया कि जब मित्र देशों की सेनाओं ने लगभग 77 साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध जीता था, तब ताजमहल को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था. इतना ही नहीं स्मारक के अंदर समय-समय पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते रहे हैं.इस वजह से जगमग नहीं होगा ताजमहलसामाजिक कार्यकर्ता विजय उपाध्याय के अनुसार ताजमहल को आखिरी बार 20 मार्च 1997 को प्रसिद्ध पियानोवादक यानी के एक म्यूजिक कंसर्ट के दौरान रात में रोशन किया गया था. अगली सुबह ताजमहल मरे हुए कीड़ों से भरा हुआ पाया गया. जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की केमिकल विंग ने सिफारिश की कि ताजमहल को रात के वक्त रोशनी से नहीं सजाना चाहिए. क्योंकि कीड़े स्मारक के संगमरमर को नुकसान पहुंचाते हैं. उसके बाद से ताजमहल में रोशनी पर लगी रोक नहीं हटाई गई है. हालांकि इन दिनों लाइटिंग के कई बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं.15 अगस्त पर केंद्र की सौगातकेंद्रीय संस्कृति मंत्री गंगापुरम किशन रेड्डी ने बताया कि 'आजादी के अमृत महोत्सव' के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित देश में लगभग 3,500 स्मारकों को घूमने के लिए फ्री कर दिया गया है. 5 अगस्त से 15 अगस्त के बीच यहां लोग बना किसी शुल्क के घूम सकेंगे. यह नियम ताजमहल पर भी लागू होगा.