Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर शिवसेना (UBT) और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे का मुद्दा एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) विदर्भ क्षेत्र में अधिक सीटों की मांग कर रही है, जिसे कांग्रेस देने से हिचक रही है। यह खींचतान न केवल विदर्भ तक सीमित है, बल्कि मुंबई और मराठवाड़ा में भी सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वे शिवसेना (UBT) को ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे गठबंधन के भीतर तनाव बढ़ता जा रहा है।
शिवसेना (UBT) की दलील: ‘हमारी भी हिस्सेदारी होनी चाहिए’
शिवसेना (UBT) का कहना है कि उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों में अपनी परंपरागत सीटें, जैसे रामटेक और अमरावती, कांग्रेस को दी थीं, जिससे कांग्रेस उन सीटों पर जीतने में सफल रही थी। अब शिवसेना चाहती है कि विधानसभा चुनावों में इन क्षेत्रों की कुछ सीटों पर उनकी पार्टी को चुनाव लड़ने का मौका मिले। उनका तर्क है कि उनकी पार्टी को जिंदा रखने के लिए और उनकी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए यह जरूरी है कि वे इन क्षेत्रों में चुनाव लड़ें। शिवसेना के नेताओं का मानना है कि इस मांग में कुछ भी गलत नहीं है, और कांग्रेस को इसे समझना चाहिए।
नाना पटोले के रवैये से नाराजगी
शिवसेना (UBT) की नाराजगी का एक और कारण कांग्रेस नेता नाना पटोले का रुख है। शिवसेना का मानना है कि नाना पटोले सीट बंटवारे के मुद्दे पर लचीला रवैया नहीं अपना रहे हैं। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मौजूदा स्थिति की जानकारी पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को दी है, और आगे की रणनीति को लेकर ठाकरे ने राउत को कुछ निर्देश भी दिए हैं। पार्टी में इस मुद्दे पर गहरी असहमति है, और शिवसेना (UBT) इसे गंभीरता से ले रही है।
राहुल गांधी से बातचीत की तैयारी
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता इस मामले में स्पष्ट निर्णय लेने में असफल दिख रहे हैं, जिससे शिवसेना (UBT) में असंतोष बढ़ गया है। अब शिवसेना ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से सीधे संपर्क करने का निर्णय लिया है। संजय राउत ने पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्नीथला से बातचीत की है। अब शिवसेना (UBT) ने यह तय किया है कि वे राहुल गांधी से सीधे बात करेंगे। इस सिलसिले में शुक्रवार को संजय राउत और राहुल गांधी के बीच फोन पर बातचीत होने की संभावना है।
गठबंधन में चुनौती
यह स्पष्ट है कि सीट बंटवारे का मुद्दा महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। जहां एक ओर शिवसेना (UBT) अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर गंभीर है, वहीं कांग्रेस अपने प्रभावशाली क्षेत्रों में सीटें गंवाने से बचना चाहती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के बीच इस मसले पर क्या समझौता होता है, और गठबंधन की एकता कैसे बनी रहती है।