AMAR UJALA : Aug 03, 2020, 09:23 AM
Delhi: भारत के सहयोग से तैयार ईरान के चाबहार बंदरगाह से दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के लिए संचालन चालू हो गया है। पिछले सप्ताह ईरानी उत्पादों से भरा एक मालवाहक जहाज थाईलैंड के लिए रवाना हुआ, जिसे पहले भारत के मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंचना है।
अरब सागर में रणनीतिक अहमियत वाली जगह स्थित चाबहार बंदरगाह का निर्माण भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने मिलकर किया है। तीनों देशों ने यह कदम पाकिस्तान की तरफ से नई दिल्ली को अफगानिस्तान व ईरान के लिए माल भेजने का रास्ता देने से इनकार के बाद उठाया था।ईरान के दक्षिण तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान राज्य में मौजूद चाबहार बंदरगाह तक भारत के पश्चिमी तट से पाकिस्तान को बाईपास करते हुए आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन दिसंबर, 2017 में किया गया था। गुजरात के मुंद्रा आएगा पोतईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान पोर्ट एंड मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक बहरोज अघाई के हवाले से ईरानी मीडिया ने बताया कि चाबहार से अखाद्य मछलियों से लदा एक जहाज भारत के मुंदरा बंदरगाह के लिए रवाना हुआ है। मुंदरा पहुंचने पर इस माल को एक अन्य जहाज में लादकर बैंकॉक बंदरगाह पर भेजा जाएगा। इससे पहले भारत ने 2017 में चाबहार बंदरगाह के जरिये अफगानिस्तान के लिए गेहूं भेजा था।
अरब सागर में रणनीतिक अहमियत वाली जगह स्थित चाबहार बंदरगाह का निर्माण भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने मिलकर किया है। तीनों देशों ने यह कदम पाकिस्तान की तरफ से नई दिल्ली को अफगानिस्तान व ईरान के लिए माल भेजने का रास्ता देने से इनकार के बाद उठाया था।ईरान के दक्षिण तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान राज्य में मौजूद चाबहार बंदरगाह तक भारत के पश्चिमी तट से पाकिस्तान को बाईपास करते हुए आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन दिसंबर, 2017 में किया गया था। गुजरात के मुंद्रा आएगा पोतईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान पोर्ट एंड मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक बहरोज अघाई के हवाले से ईरानी मीडिया ने बताया कि चाबहार से अखाद्य मछलियों से लदा एक जहाज भारत के मुंदरा बंदरगाह के लिए रवाना हुआ है। मुंदरा पहुंचने पर इस माल को एक अन्य जहाज में लादकर बैंकॉक बंदरगाह पर भेजा जाएगा। इससे पहले भारत ने 2017 में चाबहार बंदरगाह के जरिये अफगानिस्तान के लिए गेहूं भेजा था।