
- भारत,
- 19-Jan-2020 08:23 AM IST
- (, अपडेटेड 19-Jan-2020 08:24 AM IST)
विशेष | किचन या रसोईघर किसी भी घर का सबसे अहम हिस्सा होता है लेकिन क्या कभी आपने ये सुना है कि किसी शख्स ने अपने घर के टॉयलेट को ही किचन बना लिया। आपका जवाब होगा नहीं। आप सोच रहेंगे भला ऐसा कौन करेगा लेकिन ऐसा हुआ है उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जहां एक परिवार को गरीबी ने ऐसा करने पर मजबूर कर दिया।
दरअसल बाराबंकी के अकनपुर गांव में राम प्रकाश नाम के एक शख्स को स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक टॉयलेट मिला, लेकिन गरीबी और लाचारी से बेबस वह शख्स उसे किचन के रूप में इस्तेमाल करने लगा।
राम प्रकाश को ऐसा इसलिए करना पड़ा, क्योंकि उसके पास रहने के लिए कोई अच्छी जगह नहीं थी और बारिश के मौसम में वो खाना भी नहीं बना पाते थे। ऐसे में ईंट सीमेंट से बने टॉयलेट को ही उसके परिवार को रसोईघर के रूप में इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि मौसम से बचने के लिए उसके पास दूसरा कोई उपाय नहीं था।
अपनी इस बेबसी, गरीबी और लाचारी को लेकर राम प्रकाश ने बताया, 'हमारे पास रहने की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है और हम झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं। इसी वजह से हमें टॉयलेट को ही किचन बनाना पड़ा और बीते एक साल से हम टॉयलेट में ही खाना बना रहे हैं।'
इस बात का खुलासा तब हुआ जब कुछ लोगों ने राम प्रकाश के झोपड़ी के बाहर बने टॉयलेट से एक दिन धुआं उठता हुआ देखा। प्रशासन तक इस बात की खबर पहुंचने के बाद बाराबंकी के अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले को लेकर बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉक्टर आदर्श सिंह ने कहा, जिसका नाम भी पात्रता सूची में दर्ज होता है उसे पीएम आवास दिया जाता है। इसके अलावा जो भी लोग सूची से छूटे हुए हैं और इसके पात्र हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास दिया जाएगा।



