शर्मनाक / जंगल में मिला युवती का सिर कटा हुआ शव, नही था शरीर पर कोई कपड़ा, बेरहमी से काट दिये गुप्तांग

झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र में उस समय लोग दहशत में आ गए, जब एक युवती का सिर इलाके के एक जंगल से निकाला गया। इतना ही नहीं महिला के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे। पुलिस के मुताबिक, महिला को बेरहमी से मारा गया है। यहां तक ​​कि उसके गुप्तांग भी काट दिए गए हैं। रांची शहरी क्षेत्र से महज 20 किलोमीटर दूर, मानो ओरमांझी के जंगल के सन्नाटे में एक महिला की चीख गूंज रही थी।

Vikrant Shekhawat : Jan 05, 2021, 07:39 AM
झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र में उस समय लोग दहशत में आ गए, जब एक युवती का सिर इलाके के एक जंगल से निकाला गया। इतना ही नहीं महिला के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे। पुलिस के मुताबिक, महिला को बेरहमी से मारा गया है। यहां तक ​​कि उसके गुप्तांग भी काट दिए गए हैं। रांची शहरी क्षेत्र से महज 20 किलोमीटर दूर, मानो ओरमांझी के जंगल के सन्नाटे में एक महिला की चीख गूंज रही थी।

भाजपा युवा मोर्चा और महिला मोर्चा ने रांची के अल्बर्ट इका चौक पर इस नृशंस हत्या के विरोध में एक मार्च निकाला है। वहीं, बलात्कार और कानून-व्यवस्था की बढ़ती घटनाओं के कारण राज्य में सीएम हेमंत सोरेन का पुतला भी जलाया गया।

राज्य भाजपा महिला मोर्चा की प्रभारी आरती कुजूर ने कहा कि हेमंत सरकार की विफलताओं ने अपराधियों का मनोबल बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ओरमांझी में लड़की के साथ जिस तरह की घटना हुई है, वह किसी भी मामले में बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। यह चौंकाने वाली घटना निडर से अधिक दर्दनाक है। अपराधियों ने दुःख की सारी हदें पार कर दीं, जिस तरह से महिला ने बलात्कार किया और गुप्तांगों को घायल कर दिया और सिर काट दिया। उनका कहना है कि राज्य में कानून का डर मिट गया है।

आरती कुजूर ने कहा कि हेमंत सरकार बेटियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह से विफल रही है। सरकार एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, दूसरी तरफ, राज्य में बेटियों की स्थिति खराब से बदतर हो गई है। पूरे वर्ष में अठारह सौ बेटियों का सम्मान किया गया है।

घटना की निंदा करते हुए, मेयर आशा लकड़ा ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।

इस अवसर पर उपस्थित राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने राज्य सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों पर सवाल उठाया और कहा कि यह सरकार की विफलताएं हैं जो वे नहीं देखते हैं। वह इस मामले को संसद में उठाएंगे।

घटना से नाराज स्थानीय लोगों ने सोमवार शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को रोकने की कोशिश की। उस समय मुख्यमंत्री मंत्रालय से अपने आवास जा रहे थे। इस दौरान स्थानीय लोगों ने सड़क पर जमकर बवाल काटा। बाद में, सुरक्षाकर्मियों को मुख्यमंत्री के मार्ग को मोड़ना पड़ा।