Business / तब 'सूखा'... अब महामारी, GDP में भूचाल से टूट गया 41 साल का रिकॉर्ड, जीडीपी 7.3% घटी

कोरोना महामारी की वजह से वित्त-वर्ष (2019-20) में जीडीपी ग्रोथ 4.18% रही थी। इस वित्त वर्ष में केवल मार्च-2020 का महीना कोरोना से प्रभावित हुआ था। लेकिन वित्त-वर्ष (2020-21) में कोरोना महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचाई थी। इस महामारी का सबसे ज्यादा असर FY21 की पहली तिमाही पर हुआ।

Vikrant Shekhawat : Jun 01, 2021, 07:03 AM
Delhi: कोरोना महामारी की वजह से वित्त-वर्ष (2019-20) में जीडीपी ग्रोथ 4.18% रही थी। इस वित्त वर्ष में केवल मार्च-2020 का महीना कोरोना से प्रभावित हुआ था। लेकिन वित्त-वर्ष (2020-21) में कोरोना महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचाई थी। इस महामारी का सबसे ज्यादा असर FY21 की पहली तिमाही पर हुआ।


चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी

दरअसल, FY21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान देश में संपूर्ण लॉकडाउन था। सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां बंद थीं। जिससे पहली तिमाही में ऐतिहासिक 23।9 फीसदी की गिरावट जीडीपी में दर्ज की गई थी। उसके बाद दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी (GDP) -7.5 फीसदी रही थी। जबकि दिसंबर की तिमाही में 0.4 फीसदी की मामूली बढ़त हुई थी। और अब चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी रही।

तिमाही-दर-तिमाही इकोनॉमी में सुधार

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, तिमाही-दर-तिमाही भारतीय इकोनॉमी की स्थिति सुधर रही है। लेकिन पहली और दूसरी तिमाही में आई भारी गिरावट की वजह से पूरे वित्त वर्ष (2020-21) में जीडीपी ग्रोथ रेट -7.3 फीसदी दर्ज की गई। इस आंकड़े से भारतीय अर्थव्यवस्था को पिछले करीब 41 साल से मुकाबला नहीं हुआ था। 


41 साल का टूट गया रिकॉर्ड

इससे पहले 41 साल पूर्व 1979-80 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर की रफ्तार -5.24 फीसदी रही थी। उस समय देश में सूखा पड़ा था। साथ ही कच्चे तेल की कीमतें दोगुनी हो गई थीं। लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी की वजह से जीडीपी में ऐसी गिरावट आई कि पिछले 41 साल का रिकॉर्ड टूट गया। 

जीडीपी में गिरावट अनुमान से कम 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष यानी FY21 में GDP ग्रोथ रेट -7.3% रही। जबकि खुद केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। यानी सरकार के अनुमान से बेहतर जीडीपी के आंकड़े सामने आए हैं। 

राजकोषीय घाटा सरकारी अनुमान से कम 

वहीं राजकोषीय घाटा भी सरकार के अनुमान ने कम रहा है, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। कोरोना की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर प्रभावित हुई है, जिससे सरकार का खर्च बढ़ा है। इसके बावजूद राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) सरकार द्वारा तय 9.5% से कम 9.3% पर रहा है। राजकोषीय घाटा 18.21 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि जीडीपी का 9.3 फीसदी है।


इंडस्ट्री ग्रोथ रेट में सुधार 

वहीं अप्रैल में आठ कोर इंडस्ट्री का ग्रोथ रेट 56।1% रहा है। अप्रैल-2021 में कोल सेक्टर जहां 9.5% की दर से बढ़ा। वहीं क्रूड ऑयल सेक्टर में 2.1% की गिरावट दर्ज की गई। नेचुरल गैस 25% बढ़ा और रिफाइनरी की ग्रोथ रेट 30.9% रही। फर्टिलाइजर में 1.7%, स्टील में 400% और सीमेंट में 548.8% की तेजी आई। वहीं, इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर 38.7% की दर से बढ़ा।  

जीडीपी के मोर्चे पर लगातार झटके  

पिछले पांच वर्षों में जीडीपी के मोर्चे पर सरकार को लगातार झटका लगा है। साल 2015-16 में (8.00%), 2016-17 में (8.26%), 2017-18 में (7.04%), 2018-19 में (6.12%), 2019-20 में (4.18%)  और अब 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ रेट -7.3 फीसदी रही है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर का असर भी जीडीपी पर दिखने वाला है।