Vikrant Shekhawat : Jun 13, 2024, 08:22 AM
Business News: मोदी कैबिनेट 2024 में पोर्टफोलियो एलोकेशन के बाद, बाजार को उम्मीद है कि अगले पांच सालों में भारतीय शेयर बाजार में पावर थीम काम करेगी. चूंकि अनिल अंबानी की रिलायंस पॉवर के शेयर की कीमत पिछले पांच लगातार सत्रों से आसमान छू रहे हैं, इसलिए कुछ जानकारों का अनुमान है कि अनिल अंबानी की रिलायंस पॉवर के शेयर मोदी 3.0 में मार्केट लीडर के रूप में उभर सकते हैं. जानकार अनिल अंबानी की रिलायंस पॉवर के शेयरों को लेकर काफी उत्साहित हैं. इसका कारण भी है, क्योंकि कंपनी पूरी तरह डेट फ्री हो गई है. शेयर बाजार के जानकारों के अनुसार मोदी 3.0 में पॉवर कंपनियां कैपेक्स, ट्रांसमिशन नेटवर्क, ईवी और अल्टरनेटिव एनर्जी सोर्स जैसे सौलर, विंड आदि एनर्जी पर काम कर रही हैं.ऐसे में अनिल अंबानी को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है. वहीं अगला सवाल ये भी है क्या अनिल अंबानी की रिलायंस अडानी की पॉवर कंपनी को टक्कर दें पाएंगी जो मौजूदा समय में भारत के सबसे बड़े पॉवर हाउस के रूप में उभरी हैं? क्या रिलायंस पॉवर अडानी और बाकी उन कंपनियों को टक्कर दे पाएगी जो पॉवर और एनर्जी के नए सोर्स पर काम कर काफी आगे निकल चुकी हैं? ऐसे तमाम सवाल अनिल अंबानी के सामने हैं, जिनसे पार पाना काफी जरूरी होगा और वो भी जल्द से जल्द.कम नहीं हैं चुनौतियांअनिल अंबानी को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, उन पर बोलते हुए, प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरक्षकर मीडिया रिपोर्ट में कहते हैं कि हर तेजी के रुझान में, हमने एक ऐसे लीडर को देखा जो अपने साथियों को बहुत पीछे छोड़ देता है और अल्फा रिटर्न देकर इंडेक्सेस को पछाड़ देता है.एक समय था जब मफतलाल स्टॉक दलाल स्ट्रीट पर शर्तों को तय करने के लिए पर्याप्त था. उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में रिलायंस इंडस्ट्रीज और दूसरे बिजनेस ग्रुप्स के आने से मफतलाल स्टॉक का डॉमिनेंस खत्म हो गया. आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर्स से संबंधित नए बिजनेस ग्रुप्स ने मोदी 2.0 में पॉवर और एनर्जी इंफ्रा पर फोकस किया. इस दौरान गौतम अडानी के पॉवर और दूसरे बिजनेस को भी काफी मदद मिली.उन्होंने आगे बढ़ते हुए कहा कि चूंकि अनिल अंबानी की रिलायंस पॉवर डेट फ्री कंपनी बन गई है, इसलिए शेयर की कीमत लॉन्ग टर्म इंवेस्टर्स को अपनी ओर खींच सकती है. हालांकि, बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी अगली कुछ तिमाहियों में कैसा प्रदर्शन करती है. डेट फ्री कंपनी होने से कोई मतलब नहीं है. कंपनी का ठोस होना और क्वालिटी होना काफी जरूरी है. ऐसे में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे रिलायंस पॉवर के लिए काफी अहम हो सकते हैं.अनिल अंबानी कैसे बन सकते हैं मार्केट लीडर?मोदी 3.0 में अनिल अंबानी मार्केट लीडर के रूप में कैसे उभर सकते हैं? ये एक अहम सवाल है. इस पर बासव कैपिटा के फाउंडर और एचडीएफसी बैंक के फॉमर्र वाइस प्रेसिडेंट संदीप पांडे मीडिया रिपोर्ट में कहते हैं कि मोदी 3.0 में पॉवर थीम के काम करने की उम्मीद है. हालांकि, निवेशक ऐसी कंपनियों पर नजर रखेंगे जिन्होंने अपना कैपेक्स और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बढ़ाया है, कंपनी की ऑर्डर बुक भी मायने रखेगी.गौतम अडानी की अडानी पॉवर और दूसरी पॉवर स्टॉक्स ने शानदार प्रदर्शन किया चूंकि अनिल अंबानी की रिलायंस पॉवर डेट फ्री कंपनी बन गई है, इसलिए निवेशकों के बीच विश्वास लाने के लिए इन मापदंडों पर तेजी से और अधिक कुशलता से काम करने की जरुरत होगी. वहीं दूसरी ओर अनिल अंबानी रिलायंस पॉवर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं.संदीप पांडे इसमें आगे जोड़ते हुए कहते हैं कि ईवी और अल्टरनेटिव पॉवर और एनर्जी के दूसरे सोर्सेस पर काम करने वाली बिजली कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. गौतम अडानी और कुछ अन्य बिजली कंपनियां पहले से ही इस पर काम कर रही हैं.कहां तक जा सकता है रिलायंस पॉवर का शेयर?पिछले लगातार पांच सत्रों में, एनएसई पर रिलायंस पॉवर के शेयर की कीमत 23.50 रुपए से बढ़कर 31.30 रुपए हो गई है, जिससे इसके निवेशकों को लगभग 33 फीसदी का रिटर्न मिला है. रिलायंस पॉवर के शेयर प्राइस आउटलुक पर बोलते हुए, चॉइस ब्रोकिंग के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुमीत बगाड़िया ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस पॉवर के शेयर ने 28 रुपए पर एक नया ब्रेकआउट दिया है, और स्टॉक चार्ट पैटर्न पर पॉजिटिव दिख रहा है. शेयर को 32 रुपए प्रति शेयर के लेवल पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अगर कंपनी का शेयर इस लेवल को तोड़कर आगे बढ़ेगा तो स्टॉक की कीमत जल्द ही 36 रुपए के लेवल पर पहुंच सकती है.