News18 : Jun 08, 2020, 10:56 AM
नई दिल्ली। भारत चरण-छह (BS-6) उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों पर अब एक सेंटीमीटर लंबा का हरा स्टिकर (1 cm green strip) लगाना होगा। सरकार ने ऐसे वाहनों पर हरे स्टीकर को अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, BS-6 उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करने वाले वाहनों की तीसरी रजिस्ट्रेशन प्लेट के ऊपर एक सेमी की हरी पट्टी लगानी होगी। मोटर वाहन (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स) आदेश, 2018 में संशोधन के जरिये यह आदेश जारी किया गया है।
इससे पहले सरकार ने कहा था कि एक अप्रैल, 2019 से सभी मोटर वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (HSRP) लगाई जाएगी, जिससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। इसके तहत आग्रह आए हैं कि ऐसे वाहनों की पहचान अलग से हो सके, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। अन्य देशों में भी ऐसा होता है। इसे थर्ड नंबर प्लेट भी कहते हैं, जिसे वाहन निर्माता हर वाहन के विंडशील्ड में फिट करता है।टैम्पर प्रुफ HSRP अनिवार्य
मोटर वाहन (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) आदेश, 2018 में संशोधन के जरिए यह आदेश जारी किया गया है। इससे पहले सरकार ने कहा था कि एक अप्रैल 2019 से सभी मोटर वाहनों पर टेंपर प्रूफ, हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाई जाएगी। HSRP या थर्ड नंबर प्लेट को मैन्युफैक्चरर्स द्वारा प्रत्येक नए वाहन की विंडशील्ड के अंदर लगाया जाएगा।
HSRP का सिस्टमHSRP के तहत एक क्रोमियम आधारित होलोग्राम, नंबर प्लेट के टॉप लेफ्ट कॉर्नर पर आगे-पीछे दोनों ओर लगाया जाता है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन प्लेट पर बॉटम लेफ्ट साइड में रिफ्लेक्टिव शीटिंग में न्यूनतम 10 अंकों के साथ परमानेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर की लेजर ब्रांडिंग भी रहना अनिवार्य किया गया है। तीसरी नंबर प्लेट में वाहन में इस्तेमाल होने वाले ईंधन के अनुसार कलर कोडिंग भी होगी। कलर कोडिंग से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान हो सकेगी।उन्होंनें बताया कि पेट्रोल या सीएनजी वाहनों पर हल्के नीले रंग की कलर कोडिंग होगी जबकि डीज़ल वाहनों पर यह कोडिंग केसरिया रंग की होगी।
इससे पहले सरकार ने कहा था कि एक अप्रैल, 2019 से सभी मोटर वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (HSRP) लगाई जाएगी, जिससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। इसके तहत आग्रह आए हैं कि ऐसे वाहनों की पहचान अलग से हो सके, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। अन्य देशों में भी ऐसा होता है। इसे थर्ड नंबर प्लेट भी कहते हैं, जिसे वाहन निर्माता हर वाहन के विंडशील्ड में फिट करता है।टैम्पर प्रुफ HSRP अनिवार्य
मोटर वाहन (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) आदेश, 2018 में संशोधन के जरिए यह आदेश जारी किया गया है। इससे पहले सरकार ने कहा था कि एक अप्रैल 2019 से सभी मोटर वाहनों पर टेंपर प्रूफ, हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाई जाएगी। HSRP या थर्ड नंबर प्लेट को मैन्युफैक्चरर्स द्वारा प्रत्येक नए वाहन की विंडशील्ड के अंदर लगाया जाएगा।
HSRP का सिस्टमHSRP के तहत एक क्रोमियम आधारित होलोग्राम, नंबर प्लेट के टॉप लेफ्ट कॉर्नर पर आगे-पीछे दोनों ओर लगाया जाता है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन प्लेट पर बॉटम लेफ्ट साइड में रिफ्लेक्टिव शीटिंग में न्यूनतम 10 अंकों के साथ परमानेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर की लेजर ब्रांडिंग भी रहना अनिवार्य किया गया है। तीसरी नंबर प्लेट में वाहन में इस्तेमाल होने वाले ईंधन के अनुसार कलर कोडिंग भी होगी। कलर कोडिंग से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान हो सकेगी।उन्होंनें बताया कि पेट्रोल या सीएनजी वाहनों पर हल्के नीले रंग की कलर कोडिंग होगी जबकि डीज़ल वाहनों पर यह कोडिंग केसरिया रंग की होगी।