देश / भारतीय सैनिकों को ट्रेनिंग दे रहे, संख्या नहीं बताएंगे: S-400 मिसाइल सिस्टम पर रूसी कंपनी

रूसी कंपनी अल्माज़-एंटिए के डिप्टी सीईओ व्याचेस्लाव ज़रकैल्न के अनुसार, 2021 के अंत तक भारत को S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। बकौल व्याचेस्लाव, "भारतीय सैनिकों के पहले बैच का प्रशिक्षण पूरा हो गया है...दूसरे बैच का जारी है...मैं संख्या नहीं बताऊंगा।" भारत ने 2018 में $5.43 अरब में S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद सौदा किया था।

Vikrant Shekhawat : Aug 24, 2021, 03:24 PM
मास्को: एयर एंड स्पेस डिफेंस कॉन्सर्न Almaz-Antey के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया कि रूस इस साल के अंत तक जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम (SAM) S-400 की डिलीवरी शुरू कर देगा. मॉस्को में इंटरनेशनल मिलिट्री-टेक्निकल फोरम ‘आर्मी-2021’ में डिप्टी सीईओ व्याचेस्लाव डिजिरकल्न (Vyacheslav Dzirkaln) ने कहा, ‘हम 2021 के अंत तक (भारत को एस -400 सिस्टम) रूसी पक्ष की अनुसूची और अनुबंध संबंधी दायित्वों के मुताबिक डिलीवर कर देंगे.’

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भारतीय सैन्य कर्मियों (Indian Military Personnel) को एस-400 (S-400 Missile System) के संचालन के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. डिजिरकल्न ने बताया कि भारतीय सैन्य कर्मियों को अभी S-400 डिफेंस सिस्टम को ऑपरेट करने का तरीका समझाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्होंने बताया, ‘इंडियन स्पेशलिस्ट के फर्स्ट ग्रुप ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है. जबकि सेकंड ग्रुप की ट्रेनिंग चल रही है.

S-400 के लिए इंडियन आर्म्ड फोर्स की संख्या पर्याप्त

उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों की संख्या के बारे में बात नहीं करूंगा, लेकिन हमारे इक्विपमेन्ट को प्रभावी ढंग से ऑपरेट करने के लिए इंडियन आर्म्ड फोर्स की संख्या पर्याप्त है.’ डिजिरकल्न ने कहा, ‘मैं कहना चाहूंगा कि ट्रेनिंग के बाद इंडियन स्पेशलिस्ट के फर्स्ट ग्रुप ने जो रिजल्ट्स दिखाए हैं, वो बहुत प्रभावी हैं.’ मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अक्टूबर 2018 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के साथ पांच एस-400 रेजिमेंट के लिए 5.43 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

रूस और तुर्की ने 2017 में अपने पहले S-400 सौदे पर हस्ताक्षर किए थे और तुर्की को जुलाई 2019 में अपने पहले शिपमेंट की डिलीवरी मिली थी. तुर्की उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का पहला सदस्य राज्य है जिसने एस-400 की खरीद की थी. अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट खरीदने का करार किया था. भारत ने यह करार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाने की धमकी के बावजूद किया था.

जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल

भारत ने इस मिसाइल सिस्टम को खरीदने के लिए वर्ष 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त का भुगतान किया था. एस-400 रूस की सबसे आधुनिक लंबी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम है. हाल में अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के खिलाफ तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं. अधिकारियों ने बताया कि करीब 100 भारतीय सैनिक इस महीने एस-400 के ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए रूस रवाना होंगे.