नई दिल्ली / बढ़े हुए ट्रैफिक जुर्माने के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में ट्रांसपोर्ट की हड़ताल, स्कूल भी रहेंगे बंद

ट्रैफिक नियमों में बढ़े हुए जुर्माने के खिलाफ ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल से आज लोगों को आवाजाही में परेशानी हो सकती है। हड़ताल और चक्का जाम में दिल्ली-एनसीआर की 51 ट्रांसपॉर्ट यूनियन के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो इसका असर रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक देखने को मिल सकता है। ऑफिस और स्कूल का सफर भी मुश्किलों से भरा हो सकता है।

NavBharat Times : Sep 19, 2019, 06:47 AM
नई दिल्ली. ट्रैफिक नियमों में बढ़े हुए जुर्माने के खिलाफ ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल से आज लोगों को आवाजाही में परेशानी हो सकती है। हड़ताल और चक्का जाम में दिल्ली-एनसीआर की 51 ट्रांसपॉर्ट यूनियन के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो इसका असर रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक देखने को मिल सकता है। ऑफिस और स्कूल का सफर भी मुश्किलों से भरा हो सकता है। कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की हजारों बसों के अलावा ऑटो-टैक्सी और मिनी बसों की प्रमुख यूनियन भी हड़ताल के समर्थन में हैं। आजादपुर फल और सब्जी मंडी पर भी इस हड़ताल का असर देखने को मिल सकता है।

मेट्रो और बसों में होगी भीड़

दिल्ली-एनसीआर में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की करीब 25000 कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसें चलती हैं और इन बसों से लोग नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद, बहादुरगढ़, पानीपत, मेरठ तक का सफर करते हैं। नेहरू प्लेस में अपने ऑफिस जाने वाले भी बड़ी संख्या में इन बसों का प्रयोग करते हैं। ट्रांसपोर्टर्स के दावे के मुताबिक, अगर कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसें नहीं चलती हैं तो लोगों को अपने ऑफिस जाने के लिए मुश्किल होगी। इसका असर मेट्रो-डीटीसी की बसों में नजर आएगा।

मेट्रो-बसों में भीड़ बढ़ सकती है

ऑटो- टैक्सी की यूनियनें भी इस हड़ताल में शामिल हो रही हैं। मेट्रो और बसों में भीड़ बढ़ सकती है। एसटीए ऑपरेटर एकता मंच के अध्यक्ष सुरिंदर पाल सिंह और महासचिव श्यामलाल गोला का कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की 25 हजार बसों में से करीब 7 हजार बसें दिल्ली-एनसीआर के प्राइवेट स्कूलों में चलती हैं और कई प्राइवेट स्कूलों ने ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के चलते अपने स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है।

कैब लेने में होगी दिक्कत

दिल्ली में 90 हजार से ज्यादा ऑटो और करीब 10 हजार काली-पीली टैक्सियां चलती हैं। ऑटो- टैक्सी की प्रमुख यूनियन इस हड़ताल के समर्थन में आ गई है और देखना होगा कि इन यूनियनों की अपील का कितना असर पड़ता है। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महामंत्री राजेंद्र सोनी और ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि दिल्ली में सभी रेलवे स्टेशनों की ऑटो-टैक्सी यूनियन और एयरपोर्ट की यूनियन भी इस हड़ताल में शामिल होंगी।

बढ़ें हुए जुर्माने से ऑटो-टैक्सी ड्राइवर पीड़ित

बढ़े हुए जुर्माने से ऑटो- टैक्सी ड्राइवर भी पीड़ित हैं। उनका कहना है कि ऑटो- टैक्सी चलाने वालों के 20 से 30 हजार रुपये तक के जुर्माने हो रहे हैं और ऐसे में वे अपना घर कैसे चलाएंगे। उनका कहना है कि विभिन्न कंपनियों में चलने वाली ओला- उबर टैक्सियों के ड्राइवर भी हड़ताल को अपना समर्थन देंगे, क्योंकि बढ़े हुए जुर्माने से सभी परेशान हैं। किशन वर्मा का कहना है कि स्कूल कैब असोसिएशन से भी कल स्कूल वैन नहीं चलाने की अपील की गई है। इसके अलावा टूरिस्ट टैक्सी के भी हड़ताल में शामिल होने का दावा किया जा रहा है। एयरपोर्ट पर भी लोगों को काली-पीली टैक्सी और कैब मिलने में परेशानी हो सकती है।

आरटीवी, ग्रामीण सेवा पर भी असर

दिल्ली में 900 आरटीवी, 6153 ग्रामीण सेवा, 600 से ज्यादा इको फ्रेंडली गाड़ियां, 700 फटफट सेवा, 141 मैक्सी कैब चलती हैं। इस हड़ताल का असर इन गाड़ियों पर भी नजर आएगा। ये गाड़ियां ज्यादातर बाहरी दिल्ली और ग्रामीण इलाकों में चलती हैं और लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए काफी अहम हैं। दावा किया जा रहा है कि इन गाड़ियों के मालिक भी हड़ताल में शामिल होगा और यह कल ही पता चलेगा कि कितनी गाड़ियां सड़कों पर नहीं उतरती।