Vikrant Shekhawat : Jun 10, 2022, 11:22 AM
भारत में भले ही अब तक 5G सर्विस आम लोगों के लिए शुरू नहीं हुई हो, लेकिन जापान में अब 6G लॉन्च करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए नोकिया, NTT डोकोमो और स्थानीय फुजित्सु कंपनी साथ मिलकर काम कर रही हैं। नोकिया ने दावा किया है कि 6G इंटरनेट सर्विस 5G से 100 गुना से भी ज्यादा तेज होगी करेगी।
6G नेटवर्क क्या है? 6G नेटवर्क लॉन्च होने से इंटरनेट की स्पीड क्या होगी? भारत में 6G कब लॉन्च होगा और आम लोगों की जीवन पर इससे क्या असर पड़ेगा?
6G पर सिर्फ जापान नहीं 5 देशों ने शुरू किया काम
जापान के नेशनल इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी यानी NICT ने कहा है कि नोकिया, NTT डोकोमो और फुजित्सु ने साथ मिलकर 6G पर ट्रायल शुरू कर दिया है। NICT ने दावा किया है कि जापान ऐसा करने वाले पहले 5 देशों की लिस्ट में शामिल है। जापान सरकार ने कॉमर्शियल तौर पर 6G इंटरनेट 2030 से पहले लॉन्च करने की बात कही है। हालांकि, 6G लॉन्च करने को लेकर काम शुरू करने वाला जापान एकलौता देश नहीं है। जापान के अलावा दुनिया के 4 और ताकतवर देशों चीन, अमेरिका, साउथ कोरिया, यूरोप ने भी इस पर काम शुरू कर दिया है।
6G क्या है और ये 5G से कैसे अलग है?
इंटरनेट नेटवर्क की छठी जेनरेशन को 6G कहते हैं। 6G टेक्नोलॉजी की स्पीड 1 Tbps या 8000 Gbps होने का दावा किया जा रहा है। यही नहीं एक किलोमीटर लंबे और एक किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में 5G की तुलना में 6G के जरिए 10 गुना ज्यादा डिवाइस को एक साथ कनेक्ट करना संभव होगा। अगर स्पीड की बात करें तो 5G की इंटरनेट स्पीड 10 Gbps है जबकि 6G की स्पीड 1000 Gbps है।
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूजर्स 6G शुरू होने के बाद एक सेकेंड में 142 घंटे का हाई-क्वालिटी वीडियो डाउनलोड कर सकेंगे। मान लें कि एक HD क्वालिटी मूवी औसत 2.5 घंटे की होती है, तो इस हिसाब से 6G के आने के बाद 1 सेकेंड में करीब 57 फिल्म डाउनलोड हो सकेंगी।
भारत में 5G इंटरनेट को लेकर क्या अपडेट है?
भारत में 5G इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए तीन बड़ी प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया काम कर रही हैं। भारत सरकार इस साल 15 अगस्त के मौके पर 5G नेटवर्क को लाइव देखना चाहती है।
भारत में कब तक लॉन्च हो सकता है 6G ?
हाल ही में टेलीकॉम ऑथरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में PM नरेंद्र मोदी ने अगले 8 साल में 6G इंटरनेट सर्विस देश में लॉन्च करने का दावा किया है। PM ने कहा कि इस दशक के अंत तक, यानी 2030 तक देश में 6G के लॉन्च होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि देश के आम लोगों तक अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचाने के लिए देश में 6G लॉन्च करना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि भारत सरकार ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है।
6G शुरू होने से लोगों की जिंदगी में क्या कुछ बदल जाएगा?
इसके जरिए ऑटोमिक तरीके से मेट्रो और दूसरी गाड़ियों को बिना ड्राइवर आसानी से ऑपरेट करना संभव होगा।वर्चुअल रियलिटी और रोबोट का इस्तेमाल न सिर्फ 6G के आने से बढ़ेगा, बल्कि इस इंडस्ट्री में ग्रोथ की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ेंगी।6G लागू होने से दुनिया भर में क्या बदलेगा? इस सवाल के जवाब में नोकिया के CEO पेक्का लंडबर्ग कहते हैं कि 6G के लागू होने के बाद दुनिया भर में स्मार्टफोन का महत्व कम जाएगा। स्मार्टफोन का इस्तेमाल जारी रहेगा, लेकिन लोग इसे नए अपडेटेड फॉर्म में यूज करने लगेंगे।उन्होंने कहा, ‘स्मार्टफोन का इस्तेमाल भले ही होते रहेगा, लेकिन हमारे बीच ‘साइबॉर्ग’ और ‘ब्रेन कंप्यूटर’ जैसी टेक्नोलॉजी होगी। ये टेक्नोलॉजी सीधे हमारे शरीर से जुड़ी होगी।’‘साइबॉर्ग’ का मतलब यह है कि चिप्स और दूसरी टेक्नोलॉजी को इंसान के शरीर में फिट किया जा सकता है। पेक्का लंडबर्ग दावा करते हैं कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए इंसान के बॉडी पार्ट को किसी मशीन के जरिए रिप्लेस किया जा सकता है।
चलते-चलते इंटरनेट को लेकर यूज होने वाले G का मतलब भी जान लेते हैं...
इंटरनेट को लेकर यूज होने वाले 'G' का मतलब जनरेशन होता है। जैसे पहले जनरेशन के इंटरनेट को 1G कहते हैं। साल 1979 में शुरू हुए इंटरनेट को 1G जनरेशन कहा गया था, जिसका 1984 तक दुनिया भर में विस्तार हुआ था।
इसी तरह 1991 में 2G इंटरनेट लॉन्च हुआ। 1G की तुलना में 2G इंटरनेट की ज्यादा स्पीड थी। एक तरफ जहां 1G की स्पीड 2.4 Kbps थी, वहीं 2G इंटरनेट की स्पीड अब बढ़कर 64 Kbps हो गई।
इसके बाद 1998 में पहली बार 3G, 2008 में 4G और 2019 में 5G इंटरनेट लॉन्च हुआ। हालांकि, भारत में अब तक 5G आम लोगों के लिए शुरू नहीं हो पाया है।
6G नेटवर्क क्या है? 6G नेटवर्क लॉन्च होने से इंटरनेट की स्पीड क्या होगी? भारत में 6G कब लॉन्च होगा और आम लोगों की जीवन पर इससे क्या असर पड़ेगा?
6G पर सिर्फ जापान नहीं 5 देशों ने शुरू किया काम
जापान के नेशनल इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी यानी NICT ने कहा है कि नोकिया, NTT डोकोमो और फुजित्सु ने साथ मिलकर 6G पर ट्रायल शुरू कर दिया है। NICT ने दावा किया है कि जापान ऐसा करने वाले पहले 5 देशों की लिस्ट में शामिल है। जापान सरकार ने कॉमर्शियल तौर पर 6G इंटरनेट 2030 से पहले लॉन्च करने की बात कही है। हालांकि, 6G लॉन्च करने को लेकर काम शुरू करने वाला जापान एकलौता देश नहीं है। जापान के अलावा दुनिया के 4 और ताकतवर देशों चीन, अमेरिका, साउथ कोरिया, यूरोप ने भी इस पर काम शुरू कर दिया है।
6G क्या है और ये 5G से कैसे अलग है?
इंटरनेट नेटवर्क की छठी जेनरेशन को 6G कहते हैं। 6G टेक्नोलॉजी की स्पीड 1 Tbps या 8000 Gbps होने का दावा किया जा रहा है। यही नहीं एक किलोमीटर लंबे और एक किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में 5G की तुलना में 6G के जरिए 10 गुना ज्यादा डिवाइस को एक साथ कनेक्ट करना संभव होगा। अगर स्पीड की बात करें तो 5G की इंटरनेट स्पीड 10 Gbps है जबकि 6G की स्पीड 1000 Gbps है।
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूजर्स 6G शुरू होने के बाद एक सेकेंड में 142 घंटे का हाई-क्वालिटी वीडियो डाउनलोड कर सकेंगे। मान लें कि एक HD क्वालिटी मूवी औसत 2.5 घंटे की होती है, तो इस हिसाब से 6G के आने के बाद 1 सेकेंड में करीब 57 फिल्म डाउनलोड हो सकेंगी।
भारत में 5G इंटरनेट को लेकर क्या अपडेट है?
भारत में 5G इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए तीन बड़ी प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया काम कर रही हैं। भारत सरकार इस साल 15 अगस्त के मौके पर 5G नेटवर्क को लाइव देखना चाहती है।
भारत में कब तक लॉन्च हो सकता है 6G ?
हाल ही में टेलीकॉम ऑथरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सिल्वर जुबली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में PM नरेंद्र मोदी ने अगले 8 साल में 6G इंटरनेट सर्विस देश में लॉन्च करने का दावा किया है। PM ने कहा कि इस दशक के अंत तक, यानी 2030 तक देश में 6G के लॉन्च होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि देश के आम लोगों तक अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचाने के लिए देश में 6G लॉन्च करना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि भारत सरकार ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है।
6G शुरू होने से लोगों की जिंदगी में क्या कुछ बदल जाएगा?
इसके जरिए ऑटोमिक तरीके से मेट्रो और दूसरी गाड़ियों को बिना ड्राइवर आसानी से ऑपरेट करना संभव होगा।वर्चुअल रियलिटी और रोबोट का इस्तेमाल न सिर्फ 6G के आने से बढ़ेगा, बल्कि इस इंडस्ट्री में ग्रोथ की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ेंगी।6G लागू होने से दुनिया भर में क्या बदलेगा? इस सवाल के जवाब में नोकिया के CEO पेक्का लंडबर्ग कहते हैं कि 6G के लागू होने के बाद दुनिया भर में स्मार्टफोन का महत्व कम जाएगा। स्मार्टफोन का इस्तेमाल जारी रहेगा, लेकिन लोग इसे नए अपडेटेड फॉर्म में यूज करने लगेंगे।उन्होंने कहा, ‘स्मार्टफोन का इस्तेमाल भले ही होते रहेगा, लेकिन हमारे बीच ‘साइबॉर्ग’ और ‘ब्रेन कंप्यूटर’ जैसी टेक्नोलॉजी होगी। ये टेक्नोलॉजी सीधे हमारे शरीर से जुड़ी होगी।’‘साइबॉर्ग’ का मतलब यह है कि चिप्स और दूसरी टेक्नोलॉजी को इंसान के शरीर में फिट किया जा सकता है। पेक्का लंडबर्ग दावा करते हैं कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए इंसान के बॉडी पार्ट को किसी मशीन के जरिए रिप्लेस किया जा सकता है।
चलते-चलते इंटरनेट को लेकर यूज होने वाले G का मतलब भी जान लेते हैं...
इंटरनेट को लेकर यूज होने वाले 'G' का मतलब जनरेशन होता है। जैसे पहले जनरेशन के इंटरनेट को 1G कहते हैं। साल 1979 में शुरू हुए इंटरनेट को 1G जनरेशन कहा गया था, जिसका 1984 तक दुनिया भर में विस्तार हुआ था।
इसी तरह 1991 में 2G इंटरनेट लॉन्च हुआ। 1G की तुलना में 2G इंटरनेट की ज्यादा स्पीड थी। एक तरफ जहां 1G की स्पीड 2.4 Kbps थी, वहीं 2G इंटरनेट की स्पीड अब बढ़कर 64 Kbps हो गई।
इसके बाद 1998 में पहली बार 3G, 2008 में 4G और 2019 में 5G इंटरनेट लॉन्च हुआ। हालांकि, भारत में अब तक 5G आम लोगों के लिए शुरू नहीं हो पाया है।