Vikrant Shekhawat : Nov 16, 2024, 11:38 AM
Donald Trump News: 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की धमाकेदार वापसी ने दुनिया के कई देशों में हलचल मचा दी है। ट्रंप के कड़े और निडर शासन के कारण, जिनका तरीका यूरोप से लेकर एशिया तक के देशों में किसी से छिपा नहीं है, उनकी वापसी के बाद अमेरिकी सहयोगी देशों के बीच असुरक्षा का माहौल बन गया है। यही कारण है कि कई देशों को अमेरिका में ट्रंप की वापसी से गठबंधन टूटने का डर सता रहा है। ऐसे में, ट्रंप की वापसी के बावजूद अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विश्वास को बनाए रखने के लिए जो बाइडेन ने जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने अपने एशियाई सहयोगियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की।बाइडेन की कूटनीतिक पहलजो बाइडेन ने अपनी कूटनीतिक प्रगति को और मजबूत करने के लिए शुक्रवार को जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं से मुलाकात की। उनका उद्देश्य अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच गठबंधन को मजबूत करना था ताकि चीन की आक्रामकता के खिलाफ तीनों देशों का सहयोग और बढ़ सके। इस बैठक में बाइडेन ने विशेष रूप से उन देशों को आश्वस्त किया, जिन्हें ट्रंप की वापसी से अपने गठबंधनों को लेकर चिंता हो रही थी। बाइडेन की यह मुलाकात उस समय हुई जब ट्रंप जनवरी 2025 में राष्ट्रपति के पद पर लौटने की तैयारी कर रहे हैं।अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनावट्रंप की वापसी से चीन को लेकर बढ़ते तनाव की संभावना है। ट्रंप ने पहले ही यह घोषणा की थी कि वे चीन के खिलाफ और कड़े कदम उठाएंगे, जिसमें टैरिफ में वृद्धि भी शामिल है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ट्रंप की वापसी से चिंतित हैं, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कई अमेरिकी कंपनियां चीन से अपने कारोबार को समेट सकती हैं। चीन को डर है कि ट्रंप की नीतियां उनके देश की व्यापारिक स्थिति को और कमजोर कर सकती हैं।उत्तर कोरिया और रूस का संयुक्त दबावएक अन्य बड़ा मुद्दा जो बाइडेन और उनके सहयोगी देशों के लिए चिंता का कारण है, वह है उत्तर कोरिया की गतिविधियां। ट्रंप के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उत्तर कोरिया रूस में अपने सैनिकों को तैनात कर रहा है, जिससे रूस और यूक्रेन के युद्ध में और भी तनाव बढ़ सकता है। इससे यूरोप से लेकर एशिया तक की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम से दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच दशकों पुराने संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान संभव नहीं हो पा रहा है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को और प्रभावित कर रहा है।संयुक्त बयान और भविष्य की दिशाबाइडेन के साथ हुई बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया, "जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका संयुक्त रूप से रूस से उत्तर कोरिया और रूस के नेताओं द्वारा यूक्रेन में रूस की आक्रामकता के युद्ध को खतरनाक रूप से बढ़ाने के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं।" इस बयान में यह भी कहा गया कि तीनों देशों ने अपने सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक त्रिपक्षीय सचिवालय बनाने का निर्णय लिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि यह सिर्फ एक बैठक की श्रृंखला न हो, बल्कि एक ठोस और स्थिर गठबंधन का निर्माण हो।चीन के साथ होने वाली संभावित बातचीतइसके अलावा, बाइडेन के साथ-साथ दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति और जापान के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग से सीधे तौर पर मुलाकात करने के लिए तैयार हैं। इस वार्ता के माध्यम से वे चीन के बढ़ते आक्रामक कदमों के खिलाफ एकजुट होने का संकेत देंगे। हालांकि, चीन इस गठबंधन को खारिज करता है, लेकिन अमेरिकी सहयोगी देशों का मानना है कि यह कदम चीन के साथ रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।निष्कर्षट्रंप की वापसी ने न केवल अमेरिका के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक परिस्थितियों को प्रभावित किया है। बाइडेन और उनके सहयोगियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए हैं कि अमेरिका के गठबंधन मजबूत बने रहें, और विश्व के राजनीतिक समीकरण में बदलाव के बावजूद एशिया से लेकर यूरोप तक के देशों के साथ सहयोग की दिशा बनाए रखी जाए। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप के शासन के तहत अमेरिका और उसके सहयोगियों के संबंध कैसे विकसित होते हैं।