दुनिया / यूके के पीएम ने डेल्टा वेरिएंट के कारण COVID-19 प्रतिबंधों में ढील देने को 1 महीने तक टाला

यूके के पीएम बोरिस जॉनसन ने भारत में पहली बार पाए गए डेल्टा COVID-19 संस्करण के प्रसार का हवाला देते हुए, एक महीने तक अधिकांश कोरोनावायरस लॉकडाउन प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है। जॉनसन ने चेतावनी दी कि अगर उन्होंने प्रतिबंध हटा दिए तो हजारों और लोग मारे जा सकते हैं। जॉनसन ने 21 जून को अधिकांश सामाजिक प्रतिबंधों को हटाने की उम्मीद की थी। यूके के नए COVID​​-19 मामलों में डेल्टा संस्करण का 91% हिस्सा है।

Vikrant Shekhawat : Jun 15, 2021, 02:49 PM
लंदन: ब्रिटेन में डेल्‍टा वैरिएंट के खतरे और लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फिलहाल लॉकडाउन के तहत लगे प्रतिबंधों में ढिलाई देने के विचार को 19 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। आपको बता दें कि ब्रिटेन में कुछ दिनों से लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और इनमें करीब साठ फीसद मामले डेल्‍टा वैरिएंट के ही हैं। गौरतलब है कि डेल्‍टा वैरिएंट का पता सबसे पहले भारत में ही चला था इसके बाद पूरी दुनिया के करीब साठ से अधिक देशों में अब तक इसके मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञ और कई देशों की सरकार इसको लेकर चिंता में हैं और इसको पहले के मुकाबले अधिक घातक बता रही हैं।

ब्रिटेन में भी वैज्ञानिकों ने सरकार को सलाह और चेतावनी दी है कि यदि प्रतिबंधों में किसी भी किस्‍म की ढिलाई दी गई तो स्थिति काफी खराब हो सकती है। विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि ऐसा करने पर अधिक संख्‍या में लोगों का अस्‍पताल आना हो सकता है। जानकारों को इस बात की भी आशंका है कि डेल्‍टा वैरिएंट का खतरा अधिक होने के चलते आने वाले दिनों में अधिक मरीज सामने आ सकते हैं। सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह को मानते हुए फिलहाल प्रतिबंधों में ढील देने से इनकार कर दिया है। प्रधानमंत्री जॉनसन का कहना है कि ये ठीक होगा कि हम कुछ दिन और इंतजार करें। उन्‍होंने इस बात की भी उम्‍मीद जताई है कि 19 जुलाई से ब्रिटेन में सब कुछ सामान्‍य हो जाएगा और प्रतिबंधों को आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं होगी।

ब्रिटेन के पीएम के मुताबिक देश में 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्‍सीन की दूसरी खुराक देने का काम जोरों पर है। सरकार ने अब तक अधिकतर लोगों को वायरस के प्रति सुरक्षा मुहैया करवाई है और अधिक से अधिक उन्‍हें सुरक्षा देने पर काम किया है। उन्‍होंने कहा कि प्रतिबंधों को हटाने के लिए जो एक महीने का समय बढ़ाया गया है कि उससे सरकार को कुछ वक्‍त भी ज्‍यादा मिल गया है, हालांकि ये समय काफी संवेदनशील होगा। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि डेल्‍टा वैरिएंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसकी वजह से संक्रमण की रफ्तार में तेजी आई है। इतना ही नहीं इसके चलते मामले दोगुना हो गए हैं। इसकी वजह से देश के कुछ इलाके बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। हमें इसके साथ रहते हुए जीना सीखना होगा। वैक्‍सीन से खतरे को कम किया जा सकता है।

गौरतलब है कि ब्रिटेन में रविवार को 7490 नए मामले सामने आए थे। इसके अलावा आठ मरीजों ने देश में दम तोड़ दिया था। वैज्ञानिकों और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों ने भी वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम को तेजी से आगे बढ़ाने और प्रतिबंधो को फिलहाल टालने की अपील की थी। सरकार के वरिष्‍ठ सूत्रों का कहना है कि ये वैक्‍सीन और वायरस के बीच एक रेस है और देखना होगा कि इसमें किसकी जीत होती है। डेली टेलीग्राफ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि देश के वरिष्‍ठ वैज्ञानिकों और विशेषज्ञो के अलावा कैबिनेट के साथ पीएम बोरिस जॉनसन ने एक बैठक की थी जिसमें इन सभी ने पीएम को फ्रीडम डे को टालने के लिए सलाह दी थी। इसमें विशेषज्ञों ने ताजा आंकड़े भी सरकार के समक्ष रखे थे। प्रतिबंधों से ढिलाई के फैसले को टालने के प्रस्‍ताव को अब सरकार को हाउस ऑफ कॉमन से पारित करवाना होगा। ये पीएम की पार्टी के लिए कुछ मुश्किल इसलिए भी है क्‍योंकि कुछ सदस्‍य चाहते हैं कि प्रतिबंधों को कुछ समय के लिए हटाया जाए क्‍योंकि काफी लंबा समय गुजर चुका है।