17वीं सदी के चर्चित जहाज मेफ्लॉवर के नए रोबोटिक अवतार के रूप में तैयार किया गया पूरी तरह स्वचालित जहाज अटलांटिक पार कर अमेरिका के वर्जीनिया पहुंचने के उद्देश्य से रवाना हो गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ही ब्रिटेन के प्लीमाउथ से बुधवार को निकले नए मेफ्लॉवर का पायलट है। जहाज की दिशा के संबंध में किसी भी बाधा के आने पर एआई ही फैसले करेगा।
कंप्यूटरीकृत प्रणाली
समुद्री अनुसंधान
ट्विटर पर भी है कप्तान एआई
कंप्यूटरीकृत प्रणाली
- यह कप्तान अपने कामकाज में आईबीएम के एआई मंच कंप्यूटर विजन, ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर और वाटसन तकनीक इस्तेमाल करता है।
- 10 लाख नॉटिकल मील यात्रा की तस्वीरों से लैस है, ताकि अन्य जहाजों, मलबे, पुलों, द्वीप या किसी भी परिस्थिति का आकलन कर या बाधा को पहचानकर फैसला कर सके।
- 1.3 करोड़ डॉलर की लागत से तैयार इस चालक दल रहित जहाज मेफ्लॉवर ऑटोनॉमस
- शिप के तीन सप्ताह में यह यात्रा पूरी कर लेने की उम्मीद है।
- पिछले साल जून में इस जहाज को अमेरिका भेजने की कोशिश तकनीकी दिक्कत से विफल हो गई थी।
- 1.3 करोड़ डॉलर आई लागत, 17वीं सदी के पोत मेफ्लॉवर की तर्ज पर निर्माण।
समुद्री अनुसंधान
- यह यात्रा सफल होने पर मेफ्लॉवर पूरी दुनिया में घूम-घूमकर समुद्री अनुसंधान का काम करेगा।
- यह स्वचालित पोत महासागरों में व्हेल आबादी और प्लास्टिक कणों की मौजूदगी जैसे अहम आंकड़े माइक्रोफोन और पानी के नूमनों के जरिये इकट्ठा करेगा।
ट्विटर पर भी है कप्तान एआई
- रवाना होने के अगले दिन एआई कप्तान ने ट्वीट किया, 'हम तैरते हुए अमेरिका के रास्ते पर हैं।
- एआई कैप्टन के नेतृत्व में एमएएस 400 अब अटलांटिक सागर पार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र से गुजर रहा है।'