Vikrant Shekhawat : Dec 09, 2020, 09:39 PM
Farmers Protest: तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को कर रहे किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसान संगठनों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की उनकी मांग स्वीकार नहीं करती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे और इसे और तेज करेंगे. वहीं राहुल गांधी और शरद पवार समेत अन्य पांच नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग की.1. सरकार ने कम से कम सात मुद्दों पर आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव दिया. जिसमें से एक मंडी व्यवस्था को कमजोर बनाने की आशंकाओं को दूर करने के बारे में है. सरकार ने कहा कि सितंबर में लागू किए गए नये कृषि कानूनों के बारे में उनकी चिंताओं पर वह सभी आवश्यक स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार है.2. सरकार की तरफ से प्रस्ताव मिलने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है और वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.3. किसान संगठनों की तरफ से प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक की. अमित शाह ने मंगलवार को 13 किसान संगठनों के साथ बैठक की थी.4. गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की रात किसान संगठनों के 13 नेताओं से मुलाकात के बाद कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों के संबंध में किसानों द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक मसौदा प्रस्ताव भेजेगी. हालांकि, किसान नेताओं के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला था, जो इन कानूनों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं.5. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद आज कहा कि सरकार किसानों की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है. उन्होंने किसानों के साथ जारी वार्ता को ‘‘कार्य प्रगति पर है’’ (वर्क इन प्रोग्रेस) बताया और भरोसा जताते हुए कहा कि इसके जल्द परिणाम आएंगे.6. कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन के बीच आज राहुल गांधी, शरद पवार समेत पांच विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा, ''हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें तीन कृषि कानूनों के संबंध में हमारे विचारों से अवगत कराया। हमने इन्हें निरस्त किए जाने का अनुरोध किया. हमने राष्ट्रपति को बताया कि इन कानूनों को वापस लिया जाना बेहद महत्वपूर्ण है.''7. सरकार की तरफ से मसौदा प्रस्ताव 13 कृषक संगठन नेताओं को भेजा गया है जिनमें बीकेयू (एकता उगराहां) के जोगिंदर सिंह उगराहां भी शामिल हैं. यह संगठन करीब 40 आंदोलनकारी संगठनों में से सबसे बड़े संगठनों में शामिल है.8. किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये गए तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जाएगा और किसान सिंघु बॉर्डर पार कर दिल्ली में प्रवेश करने के बारे में भी फैसला ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से अगले दौर की वार्ता पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है.9. कक्का ने कहा कि इन कानूनों के विरोध में किसान 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे और 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग बंद किया जाएगा.10. किसान नेता दर्शन पाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 12 दिसंबर को आगरा-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को बंद किया जाएगा और उस दिन देश के किसी भी टोल प्लाजा पर कोई कर नहीं दिया जाएगा.