Zee News : Aug 22, 2020, 07:01 AM
नई दिल्ली: उत्पादों पर कीमत, एक्सपायरी डेट, निर्माण सामग्री की जानकारी न लिखकर उपभोक्ताओं के साथ बदमाशी कर रही एक कंपनी को केंद्रीय रसद-उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के साथ चालाकी करना भारी पड़ा। मंत्री ने न केवल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया बल्कि उनके निर्देश पर कंपनी के गोदाम पर छापा मारकर सारा माल भी जब्त कर लिया गया। मंत्री के इस एक्शन को बाकी कंपनियों के लिए एक सख्त नजीर माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक मंत्री रामविलास पासवान को कई दिनों से दवा कंपनी के उत्पाद में धांधली की शिकायत मिल रही थी। उन्होंने मामले की तह में जाने के लिए घर पर एक दवाई मंगवाई। ये दवाई Seder OM थी। ध्यान से देखने पर उन्हें दवा के स्टीकर पर नियमों की अनदेखी साफ दिखाई दी। दवा पर उत्पादक का नाम, एक्सपायरी डेट और हेल्पलाइन नंबर नहीं लिखा था। दवा पर जानकारी के लिखे अक्षरों का साइज भी 1 mm से छोटा था। जिसकी वजह से वे पढ़ने में नहीं आ रहे थे। इसके बाद मंत्री रामविलास पासवान के निर्देश पर डिपार्टमेंट ऑफ लीगल मैट्रोलोजी ने गुंटूर (आंध्र प्रदेश) में दवा डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। साथ ही दवा विक्रेता के ठिकाने पर छापा मारकर गोदाम से सभी पैकेट जब्त कर लिए गए। रामविलास पासवान ने कहा कि उत्पाद पर उत्पादक का नाम, एक्सपायरी डेट, MRP और दूसरी जरूरी जानकारियां लिखना अनिवार्य है। यदि लोगों को किसी उत्पाद पर ये जानकारियां न दिखाई दें वे शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
क्या कहता है नियम -- किसी भी उत्पाद पर ज़रूरी जानकारी बोल्ड यानी मोटे मोटे अक्षरों में साफ और पढ़ने योग्य होनी चाहिए - उत्पाद के लेबल या स्टीकर पर 40% तक के हिस्से में मोटे और साफ अक्षरों में प्रॉडक्ट से जुड़ी ज़रूरी जानकारी मसलन जैसे कि MRP, एक्सपायरी डेट, निर्माण की तारीख, उत्पादक का नाम उसमें शामिल तत्वों की जानकारी दी जानी चाहिए।
नियमों का उल्लंघन करने पर ग्राहकों के पास विकल्पऐसे मामलों में उपभोक्ता consumer app या हेल्पलाइन नंबर के जरिये संबंधित विभाग को शिकायत कर सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक मंत्री रामविलास पासवान को कई दिनों से दवा कंपनी के उत्पाद में धांधली की शिकायत मिल रही थी। उन्होंने मामले की तह में जाने के लिए घर पर एक दवाई मंगवाई। ये दवाई Seder OM थी। ध्यान से देखने पर उन्हें दवा के स्टीकर पर नियमों की अनदेखी साफ दिखाई दी। दवा पर उत्पादक का नाम, एक्सपायरी डेट और हेल्पलाइन नंबर नहीं लिखा था। दवा पर जानकारी के लिखे अक्षरों का साइज भी 1 mm से छोटा था। जिसकी वजह से वे पढ़ने में नहीं आ रहे थे। इसके बाद मंत्री रामविलास पासवान के निर्देश पर डिपार्टमेंट ऑफ लीगल मैट्रोलोजी ने गुंटूर (आंध्र प्रदेश) में दवा डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। साथ ही दवा विक्रेता के ठिकाने पर छापा मारकर गोदाम से सभी पैकेट जब्त कर लिए गए। रामविलास पासवान ने कहा कि उत्पाद पर उत्पादक का नाम, एक्सपायरी डेट, MRP और दूसरी जरूरी जानकारियां लिखना अनिवार्य है। यदि लोगों को किसी उत्पाद पर ये जानकारियां न दिखाई दें वे शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
क्या कहता है नियम -- किसी भी उत्पाद पर ज़रूरी जानकारी बोल्ड यानी मोटे मोटे अक्षरों में साफ और पढ़ने योग्य होनी चाहिए - उत्पाद के लेबल या स्टीकर पर 40% तक के हिस्से में मोटे और साफ अक्षरों में प्रॉडक्ट से जुड़ी ज़रूरी जानकारी मसलन जैसे कि MRP, एक्सपायरी डेट, निर्माण की तारीख, उत्पादक का नाम उसमें शामिल तत्वों की जानकारी दी जानी चाहिए।
नियमों का उल्लंघन करने पर ग्राहकों के पास विकल्पऐसे मामलों में उपभोक्ता consumer app या हेल्पलाइन नंबर के जरिये संबंधित विभाग को शिकायत कर सकते हैं।