US Election 2024: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अब दो दिन से भी कम का समय बचा है, और इस बीच 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी ने अर्ली वोटिंग के माध्यम से अपने मत डाल दिए हैं। फाइव थर्टी एइट के एक सर्वेक्षण के अनुसार, उप राष्ट्रपति कमला हैरिस 1.2 अंकों की मामूली बढ़त बनाए हुए हैं। हालांकि, यह कम अंतर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए स्थिति को बदलने का अवसर दे सकता है, जो लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार कर रहे हैं।
भारतीय समुदाय पर ध्यान
कमला हैरिस ने अपनी बढ़त को बनाए रखने के लिए भारतीय समुदाय के लोगों पर ध्यान केंद्रित किया है। हाल ही में, उन्होंने दिवाली के अवसर पर अपने भारत से जुड़े अनुभव साझा किए और भारतीयों को अपने पक्ष में लुभाने के लिए प्रचार में जुट गईं। लेकिन कमला के लिए यह कार्य इतना आसान नहीं है, क्योंकि बाइडेन प्रशासन के कुछ हालिया निर्णय उनके लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।
भारत के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध
अमेरिका ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का समर्थन करने के आरोप में 400 संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें 19 भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। इसके साथ ही, बाइडेन प्रशासन ने कनाडा के आरोपों का समर्थन करते हुए भारत के खिलाफ सुर मिलाए हैं। ऐसे में, चुनाव से पहले बाइडेन प्रशासन के इस कदम से भारतीय समुदाय का डेमोक्रेट उम्मीदवारों से दूर होना संभावित है, जो कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने के सपनों पर बुरा असर डाल सकता है।
भारत का सख्त जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के प्रतिबंधों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हमने अमेरिकी प्रतिबंधों पर रिपोर्ट देखी है। भारत के पास रणनीतिक व्यापार और अप्रसार नियंत्रण पर एक मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा है।" भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिबंधित लेन-देन और कंपनियां भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं करती हैं और वे सभी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि हथियारों के प्रसार को रोका जा सके।
कनाडा और भारत के बीच बढ़ता तनाव
पिछले हफ्ते कनाडा ने आरोप लगाया था कि भारत के एक मंत्री वहां हिंसा और धमकी अभियानों के पीछे हैं। इस पर अमेरिका ने चिंता जताई है और कहा है कि वे इस मामले में कनाडा सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे। अमेरिका का भारत के खिलाफ सुर मिलाना पहले का मामला नहीं है; इससे पहले भी जब कनाडा ने भारतीय अधिकारियों पर आरोप लगाए थे, तब भी अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने का प्रयास किया था।
भारतीय वोटर्स की अहमियत
डेमोक्रेट राष्ट्रपति प्रशासन की ऐसे बयान और फैसले भारतीयों में असंतोष फैला सकते हैं, जिसका सीधा असर कमला हैरिस पर पड़ेगा। भारतीय मूल के मतदाता पूरे अमेरिका में 2 प्रतिशत से कम हैं, लेकिन स्विंग स्टेट्स में उनकी अहमियत बहुत बढ़ जाती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या भारतीय वोटर्स अमेरिका के भारत के खिलाफ उठाए गए कदमों पर डेमोक्रेट उम्मीदवार का समर्थन जारी रखेंगे या नहीं।
निष्कर्ष
कमला हैरिस के लिए इस चुनाव में भारतीय समुदाय का समर्थन प्राप्त करना बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, हालिया घटनाक्रमों के चलते उनकी स्थिति चुनौतीपूर्ण बन गई है। भारतीय मतदाताओं का मनोबल और उनकी पसंद इस बार के चुनाव परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। चुनाव की नजदीकियों के साथ, सभी की नजरें इस बात पर टिकी होंगी कि कमला हैरिस और बाइडेन प्रशासन के निर्णयों का भारतीय वोटर्स पर क्या असर पड़ता है।