Rajgarh Violence / राजगढ़ में दो पक्षों में झड़प के बाद भड़की हिंसा, घर में लगाई आग, बाइक फूंकी

एमपी में खरगोन के बाद राजगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है। बुधवार की शाम दोनों पक्षों में खूब पथराव हुआ है। घटना जिले के करेड़ी गांव की है। इसके बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती है। एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा है कि अब स्थिति सामान्य है। पुलिस के वरीय अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं।

एमपी में खरगोन के बाद राजगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है। बुधवार की शाम दोनों पक्षों में खूब पथराव हुआ है। घटना जिले के करेड़ी गांव की है। इसके बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती है। एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा है कि अब स्थिति सामान्य है। पुलिस के वरीय अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं।


राजगढ़ में दो समुदायों के बीच जमीनी विवाद ने देखते-देखते सांप्रदायिक रूप ले लिया. बीती रात सामने आए इस घटनाक्रम में दोनाें समुदाय के लोग भिड़ गए. हालात बिगड़े तो दोनों तरफ से पथराव भी हुआ. इस बीच कुछ घरों में आग लगा दी गई. 


दो पक्षों के विवाद में घरों में लगाई आग

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दो अलग अलग समुदाय के लोगों के घर में आग (Fire) लगाई गई थी. खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे राजगढ़ थाना प्रभारी उमेश यादव जब अपने 7-8 जवानों के साथ उन घरों में यह पता करने के लिए दाखिल हुए कि वहां अंदर कोई फंसा तो नहीं है, बस यही बात कुछ उपद्रवियों को रास नहीं आई और उन्होंने पुलिस पार्टी पर भी पथराव कर दिया.


'बड़ा कांड करना चाहते थे दंगाई'

इस विवाद से जुड़ा वीडियो भी वायरल हो रहा है. जिसमें उपद्रवियों को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि ये आग बुझनी नहीं चाहिए और कोई बचना भी नहीं चाहिए, इसके लिए कुछ भी करना पड़े. हालांकि उनकी ये नापाक साजिश कामयाब नहीं हो सकी और कुछ ही घंटों में हालात नियंत्रण में आ गए. इस हिंसा में पुलिसवालों समेत दोनों पक्ष के कई लोग घायल हुए हैं. वहीं इस वीडियो से साफ पता चलता है कि दंगाई इलाके में बड़ा कांड करने की फिराक में थे. इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. 


हिंसा की वजह है सुर्खियों में है मध्य प्रदेश

इससे पहले मध्य प्रदेश के खरगोन में पिछले महीने रामनवमी के जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाएं हुईं थीं. जिसके बाद खरगोन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी द्वारा कर्फ्यू लगाने के बाद पुलिस फोर्स ने दंगाइयों पर कार्रवाई की थी. इसके बाद जब हिंसा के आरोपियों के घर बुलडोजर पहुंचा था तब इस मामले पर राजनीतिक शुरू हो गई थी.