चित्तौड़गढ़ के कोतवाली थाना क्षेत्र में धाकड़ समाज की पंचायत में पंचों ने एक पक्ष से 22 हजार रुपए लेने के बाद भी उसे समाज से बहिष्कृत करने का मामला सामने आया था। इसमें पुलिस ने प्रार्थी की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज करते 9 पंचों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने पीड़ित को जूते टोकरी में भरकर सिर पर लेकर एक घंटे तक भरी पंचायत में खड़ा रखा।
दरअसल, 13 दिसबंर को एसपी के समक्ष चित्तौड़ीखेड़ा नई आबादी निवासी कमलेश (27) और किशनलाल (26) ने शिकायत की थी। कोतवाली पुलिस ने इस पर प्रकरण दर्ज किया था। किशनलाल ने रिपोर्ट में बताया कि मेरे भाई राकेश को मांगीबाई ने गोद ले रखा था।
मांगीबाई से रुपयों को लेकर विवाद होने पर राकेश ने 23 दिसंबर 2019 में पंचायत बुलाई। पंचायत में विवाद होने पर पंचों ने आपस में गाली गलौच करते मांगीबाई को अपमानित किया। इस दौरान पंचों ने कमलेश व किशन के परिवार का भी एक मामला उठाते हुए उसे दंडित किया।
पहले 20-20 हजार जुर्माना लगाया
इसके बाद 28 फरवरी 2019 को कमलेश ने पंचायत बुलाई। इसमें पंचों ने कमलेश के पक्ष को बिना सुने पंच खर्च के 20-20 हजार रुपए आर्थिक दंड से दंडित कर सार्वजनिक रुपए अपमानित किया। पंचों के जूते टोकरी में भरकर सिर पर लेकर एक घंटे तक भरी पंचायत में खड़ा रखा। पर्चे छपवाकर पंचों ने बंटवाएं।
फिर 11-11 हजार लिए
पर्चे छपवाकर बंटवाने की जानकारी के बाद कमलेश व उसके बड़े पिताजी के लड़के किशन ने 6 फरवरी को वापस समाज की पंचायत बुलाई। जहां 11-11 हजार रुपए पंचों ने और लिए। 11 फरवरी को पंचों ने कमलेश व किशनलाल को रुपए लेने के बावजूद समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया।
एएसआई महेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर पंच भैरुलाल, नारायण, नंदराम, हरिराम, दिनेश, किशनलाल, भुरालाल, ताराचंद को गिरफ्तार किया गया।