Paris Olympic 2024 / पेरिस ओलंपिक में क्या बॉक्सिंग के इवेंट में बेईमानी हुई? खत्म हो गया सिर्फ 46 सेकेंड के अंदर ही मैच

पेरिस ओलंपिक 2024 के छठे दिन एक बड़ा विवाद देखने को मिला जिसमें महिला बॉक्सिंग के वेल्टरवेट कैटेगिरी में इटली की एंजेला कैरिनी और अल्जीरिया की इमान खेलीफ के बीच हुआ मुकाबला सिर्फ 46 सेकेंड के अंदर ही खत्म हो गया। बॉक्सिंग का ये अहम मुकाबला इतनी जल्दी खत्म होने पर सभी हैरान जरूर रह गए लेकिन इसका कारण इमान खलीफ का पंच था जो इटली की मुक्केबाज एंजेला कैरिनी को इतनी जोर से लगा कि वह रोंने लगीं और बाद में उन्होंने इस मैच

Vikrant Shekhawat : Aug 02, 2024, 02:00 PM
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 के छठे दिन एक बड़ा विवाद देखने को मिला जिसमें महिला बॉक्सिंग के वेल्टरवेट कैटेगिरी में इटली की एंजेला कैरिनी और अल्जीरिया की इमान खेलीफ के बीच हुआ मुकाबला सिर्फ 46 सेकेंड के अंदर ही खत्म हो गया। बॉक्सिंग का ये अहम मुकाबला इतनी जल्दी खत्म होने पर सभी हैरान जरूर रह गए लेकिन इसका कारण इमान खलीफ का पंच था जो इटली की मुक्केबाज एंजेला कैरिनी को इतनी जोर से लगा कि वह रोंने लगीं और बाद में उन्होंने इस मैच को तुरंत ही छोड़ने का भी फैसला किया। इसी के बाद पेरिस ओलंपिक में एक नया विवाद भी सामने आया जिसमें इमाम खलीफ वह बॉक्सर हैं जिनके ऊपर आरोप है कि वह महिला नहीं पुरुष हैं और इसी कारण इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने उन्हें पिछले साल बैन कर दिया था।

जांच के बाद पता चला कि इमान खेलीफ एक पुरुष हैं

अल्जीरिया की बॉक्सिंग खिलाड़ी इमान खेलीफ के ऊपर जब आरोप लगा था कि वह महिला नहीं पुरुष हैं तो उसके बाद पिछले इंटरनेशनल बॉक्सिंग संघ ने उनकी जांच कराई थी। इसमें इमान की रिपोर्ट में सामने आया कि उनका टेस्टोस्टेरोन का स्तर एक सामान्य महिला के मुकाबले काफी ज्यादा है और इसके साथ-साथ उनके डीएनए टेस्ट में एक्स वाई क्रोमोजोम्स मिले थे जो पुरुषों में होते हैं। वहीं महिलाओं में एक्स-एक्स क्रोमोजोम्स होते हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद इंटरनेशनल बॉक्सिंग संघ ने इमान खेलीफ को बैन कर दिया था।

आईबीए से बैन के बावजूद पेरिस ओलंपिक में कैसा मिला मौका

आईबीए से प्रतिबंधित होने के बावजूद आखिर अल्जीरिया का बॉक्सर इमान खेलीफ को पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका कैसे मिला तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ओलंपिक खेलों में बॉक्सिंग इवेंट के मुकाबले आईबीए के अंडर में नहीं होते हैं। इन मैचों की पूरी जिम्मेदारी इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी संभालते है जिसमें साल 1999 में जेंडर को लेकर होने वाले सभी टेस्ट बंद कर दिए थे। महिला बॉक्सिंग में ओलंपिक में हिस्सा लेने के एक बॉक्सिंग खिलाड़ी को सिर्फ अपने महिला होने का सर्टिफिकेट होता है।