अमेरिका / हम भारत की ज़रूरतों को समझते हैं: कच्चे माल के लिए अदार पूनावाला के ट्वीट के बाद यूएस

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से कोविड-19 टीकों के कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के अनुरोध के बाद अमेरिका ने कहा है कि वह भारत की औषधीय ज़रूरतों को समझता है। अमेरिका में लागू कानून के तहत कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता सिर्फ घरेलू विनिर्माताओं को यह सामग्री दे सकते हैं।

Vikrant Shekhawat : Apr 20, 2021, 06:22 PM
वॉशिंगटन: कोरोना वैक्सीन को तैयार करने के लिए जरूरी कच्चे माल की सप्लाई पर रोक के सवाल पर अमेरिका ने कहा है कि हम भारत की जरूरतों को समझते हैं। जो बाइडेन प्रशासन ने भारत की गुजारिश को लेकर कहा है कि हम भारत की फार्मास्युटिकल जरूरतों को समझते हैं औैर इस मसले पर विचार करेंगे। इसके अलावा अमेरिकी सरकार ने यह भी माना है कि घरेलू कंपनियों की ओर से पहले अपने नागरिकों को प्राथमिकता दिए जाने की नीति के तहत ऐसा हुआ है। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनसे पहले इस पद पर रहे डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना संकट के बाद डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट लागू कर दिया था। इसके चलते अमेरिकी कंपनियों को पहले अपने देश की जरूरतों को पूरा करने पर फोकस करना पड़ा। इस एक्ट की वजह से कंपनियों को दवाओं से लेकर पीपीई किट तक के निर्माण में पहले अमेरिका पर ही फोकस करना पड़ा।

अमेरिका में फाइजर और मॉडर्ना ने वैक्सीन का उत्पादन किया है और देश में तेजी से टीकाकरण का काम चल रहा है। अमेरिका में 4 जुलाई तक पूरी आबादी को टीका लगाने की तैयारी है। इस बीच भारत समेत कई अन्य देशों में वैक्सीन तैयार करने के लिए जरूरी कच्चे सामान की किल्लत देखी जा रही है। पिछले ही दिनों भारत में कोविशील्ड वैक्सीन तैयार करने वाले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने जो बाइडेन से कच्चे माल के निर्यात के नियमों में ढील देने की गुजारिश की थी ताकि भारत की जरूरतों को पूरा किया जा सके। तब से ही यह उम्मीद की जा रही थी कि जो बाइडेन प्रशासन बड़ा दिल दिखाते हुए फैसला लेगा।

बता दें कि अमेरिका में 1950 में बना कानून डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वह कंपनियों की ओर से तैयार सामान के निर्यात पर रोक लगा सकें। वह घरेलू हितों की पूर्ति के लिए ऐसा कर सकते हैं ताकि पहले अमेरिका औैर उसकी जरूरतों को प्राथमिकता दी जा सके। बता दें कि अमेरिका, इजरायल जैसे देशों की ही तर्ज पर भारत में भी कोरोना के खिलाफ टीके की जंग तेज है। 1 मई से देश में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के टीकाकरण को मंजूरी दे दी गई है। 

भारत में भी तेज हुआ टीकाकरण, 1 मई से 18+ वालों को लगेगी वैक्सीन

अब तक 45 साल से अधिक आयु के लोगों को ही टीका लग रहा है। इसकी शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स से की गई थी। इसके बाद 60 साल से अधिक आयु के लोगों और 45 साल से अधिक आयु वाले गंभीर रूप से बीमार लोगों को दायरे में लाया गया था। फिर 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। अब इसे देश की समूची वयस्क आबादी तक पहुंचाने की तैयारी की गई है।