Benjamin Netanyahu: सीरिया में बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने बयान से दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने सीरिया की नई सरकार को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि उसने पुरानी सरकार की तरह ईरान को समर्थन देना और हिज़बुल्लाह को हथियार मुहैया कराना जारी रखा, तो इजरायल इसके खिलाफ जरूरी कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।
सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं
नेतन्याहू ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल का सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। मंगलवार को एक वीडियो संबोधन में उन्होंने कहा,
"हमारा मकसद केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।" उन्होंने सीरिया में छोड़ी गई सामरिक सैन्य क्षमताओं पर इजरायली वायुसेना द्वारा की जा रही बमबारी को जायज ठहराते हुए इसे
"सुरक्षा की अनिवार्यता" करार दिया।नेतन्याहू ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश वायुसेना द्वारा फ्रांस के विची शासन के बेड़े पर की गई बमबारी का उदाहरण देते हुए कहा कि यह कदम इसीलिए उठाया गया ताकि ये हथियार नाज़ियों के हाथों में न जाएं।
दुश्मनी के खिलाफ सख्त चेतावनी
नेतन्याहू ने कहा कि नई सीरियाई सरकार के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित करना इजरायल की प्राथमिकता है। लेकिन अगर यह सरकार ईरान को सीरिया में अपनी गतिविधियां बढ़ाने की अनुमति देती है, या हिज़बुल्लाह को हथियार मुहैया कराती है, तो इजरायल इसका सख्त जवाब देगा। उन्होंने कहा,
"अगर नई सरकार पिछली सरकार की राह पर चली, तो उसे भी वही कीमत चुकानी पड़ेगी।"मध्य पूर्व के लिए "ऐतिहासिक दिन"
नेतन्याहू ने रविवार को सीरियाई विद्रोहियों द्वारा दमिश्क पर कब्जा और राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़ने की खबर को
"मध्य पूर्व के लिए ऐतिहासिक दिन" करार दिया। असद शासन का पतन, जो दो दशकों से अधिक समय तक सत्ता में रहा, क्षेत्रीय राजनीति में एक नया मोड़ लाने की संभावना जता रहा है।उन्होंने कहा कि यह दिन बड़े अवसर प्रदान करता है लेकिन यह नए खतरों का भी संकेत है। नेतन्याहू ने इजरायल की सीमाओं पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी पड़ोसी देशों से सहयोग की अपील की।
शांति का संदेश और सुरक्षा की पहल
नेतन्याहू ने अपने वीडियो संदेश में कहा,
"हम ड्रूज़, कुर्द, ईसाई और उन मुसलमानों के साथ शांति का हाथ बढ़ाते हैं, जो इजरायल के साथ शांति से रहना चाहते हैं।" इसके साथ ही उन्होंने इजरायली सेना को सीरियाई सेना द्वारा छोड़े गए ठिकानों को अपने नियंत्रण में लेने का आदेश दिया, ताकि कोई भी शत्रुतापूर्ण ताकत इन ठिकानों का इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ न कर सके।
आगे की राह
सीरिया में असद शासन का अंत मध्य पूर्व में संभावनाओं और चुनौतियों का नया अध्याय खोल रहा है। इजरायल इस बदलते परिदृश्य में अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। नेतन्याहू का बयान इस बात का प्रमाण है कि इजरायल किसी भी तरह की दुश्मनी के खिलाफ सतर्क है, लेकिन वह शांति और दोस्ती के लिए भी तैयार है।इस बयान से साफ है कि इजरायल, क्षेत्रीय स्थिरता और अपनी सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है, लेकिन वह सीरिया की नई सरकार से सकारात्मक बदलाव की भी उम्मीद रखता है।