- भारत,
- 15-Apr-2025 02:20 PM IST
Share Market News: भारत का शेयर बाजार इस वक्त जबरदस्त रफ्तार में है। लगातार दूसरे कारोबारी दिन बाजार ने ऐसे झंडे गाड़े हैं, जैसे उसे किसी अदृश्य ताकत ने फ्यूल दे दिया हो। सवाल उठता है—आख़िर ये फ्यूल आया कहाँ से? पिछले 555 कारोबारी मिनटों में निवेशकों की झोली में करीब 17.5 लाख करोड़ रुपए गिर पड़े हैं। सेंसेक्स और निफ्टी ने कमाई के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। यह तेजी सामान्य नहीं है, बल्कि इसके पीछे हैं कई बड़े ग्लोबल और डोमेस्टिक कारण।
ट्रंप की ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ पर ब्रेक का असर
तेजी की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले से हुई। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप आदि पर लगने वाले “रेसिप्रोकल टैरिफ” को 90 दिनों के लिए टाल दिया है। इससे ग्लोबल मार्केट्स में राहत की लहर दौड़ गई, जिसका सीधा फायदा भारतीय बाजारों को भी मिला। निवेशकों में नई उम्मीदें जगी हैं, और बाजार ने इसे खुले दिल से स्वागत किया है।
आंकड़ों में तेजी: सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने रचा इतिहास
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सेंसेक्स: मंगलवार को 1676.78 अंकों की छलांग लगाते हुए 76,808.67 के स्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार से अब तक इसमें कुल 3,060.48 अंकों की यानी 4.14% की वृद्धि दर्ज हुई।
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निफ्टी: इसी तरह निफ्टी ने भी 519 अंकों की बढ़त के साथ 23,347.35 पर कारोबार किया, यानी 4.32% की कुल तेजी।
तेजी के प्रमुख कारण:
1. हैवीवेट बैंकिंग स्टॉक्स की धमाकेदार रैली
एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े खिलाड़ियों ने बाजार को उठाने में अहम भूमिका निभाई। दोनों ने मिलकर सेंसेक्स की 1,500 अंकों की तेजी में से 638 अंक का योगदान दिया। एचडीएफसी बैंक द्वारा बचत खाता ब्याज दर घटाकर 2.75% करना निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।
2. ऑटो सेक्टर में जोश
ऑटो पर टैरिफ कम होने की संभावनाओं ने निफ्टी ऑटो इंडेक्स को 3% तक उछाल दिया। टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज और मदरसन सुमी जैसे ऑटो कंपनियों के शेयरों में 5-7% तक की वृद्धि दर्ज हुई।
3. कमजोर होता डॉलर, मजबूत होता भारत
डॉलर इंडेक्स तीन साल के निचले स्तर 99.65 पर पहुंच गया है। इसका सीधा असर भारत जैसे उभरते बाजारों में एफआईआई निवेश की वापसी के रूप में दिख रहा है।
4. एशियाई बाजारों की रैली
जापान के निक्केई सहित एशिया-पैसिफिक इंडेक्स में बढ़त देखने को मिली, जिसने भारतीय बाजार की मनोवृत्ति को मजबूत किया।
5. कच्चे तेल की नरमी
तेल की कीमतें ब्रेंट के लिए 65 डॉलर और डब्ल्यूटीआई के लिए 61.66 डॉलर पर बनी हुई हैं। इससे भारत की मुद्रास्फीति और चालू खाता घाटा नियंत्रित रहता है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है।
6. महंगाई के आंकड़ों में राहत
थोक महंगाई दर घटकर 2.05% पर आ गई है। खुदरा महंगाई के भी 3.50% पर रहने की संभावना जताई गई है, जिससे रेट कट की संभावनाएं प्रबल हो सकती हैं।
निवेशकों की कमाई: 555 मिनट में बंपर रिटर्न
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शुक्रवार को बीएसई का कुल मार्केट कैप 4,01,55,574.05 करोड़ रुपए था।
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मंगलवार तक यह बढ़कर 4,11,26,013.38 करोड़ रुपए हो गया।
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सिर्फ दो कारोबारी सत्रों में निवेशकों ने 9.7 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया।
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कुल मिलाकर, बीते कुछ घंटों में निवेशकों की संपत्ति में 17.5 लाख करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
क्या यह तेजी टिकेगी?
बाजार की मौजूदा तेजी कई सकारात्मक संकेतों से प्रेरित है—चाहे वह ग्लोबल टैरिफ राहत हो, डॉलर की कमजोरी हो, या घरेलू आर्थिक आंकड़ों की मजबूती। हालांकि विशेषज्ञों की राय है कि निवेशकों को इस वक्त सतर्क होकर मुनाफा बुकिंग के लिए तैयार रहना चाहिए। बाजार हमेशा ऊपर नहीं जाता—पर मौजूदा समय में जोश और होश दोनों बनाए रखना जरूरी है।