Vikrant Shekhawat : Nov 13, 2020, 06:34 AM
Dhanteras 2020: देवसूर युद्ध के दौरान, समुंद्र मंथन के दौरान, भगवान धन्वंतरि एक स्वर्ण कलश के साथ पैदा हुए थे। तब से, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष तीर्थ पर, त्रयोदशी तिथि को धनतेरस माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस (धनतेरस 2020) के दिन नया सामान घर लाना बेहद शुभ माना जाता है और इसका परिणाम आपको अप्रत्यक्ष रूप से मिलता है। इस वर्ष, धनतेरस का त्यौहार 13 नवंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा।खरीदारी और पूजा के लिए शुभ समयज्योतिषविद् विनोद भारद्वाज का कहना है कि शुभ मुहूर्त में धनतेरस पर पूजा करना बहुत फायदेमंद होता है। यही नहीं, इस दिन खरीदारी करने का भी विशेष समय है। शुभ मुहूर्त में सामान खरीदने से आपके घर में सुख-समृद्धि का प्रवेश होगा। घर में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है।खरीदारी करने का शुभ समयधनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त 27 मिनट का होगा। यह मुहूर्त 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। इस शुभ क्षण में, आप अपनी ज़रूरत का कोई भी सामान खरीद सकते हैं। ऐसी स्थिति में चांदी, झाड़ू या धनिया खरीदना शुभ माना जाता है।पूजा का शुभ मुहूर्तधनतेरस पर, प्रदोष काल शाम 05 से 28 बजे तक, शाम 08 से 07 बजे तक रहेगा। यह पूजा के लिए सबसे अच्छा समय होगा। अगर आप शुभ मुहूर्त के दौरान कुछ नहीं खरीद पा रहे हैं, तो आप इसे प्रदोष काल के दौरान खरीद सकते हैं। वृषभ लग्न के लिए खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है।पूजा विधिशाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करें। दोनों के सामने एक एक घी का दीपक जलाएं। धन्वंतरी को कुबेर को सफेद मिठाई और पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं। पहले “ऊँ हुबे कुबेराय नमः” का जाप करें। फिर "धन्वंतरिस्तोत्र" का पाठ करें। धनवंतरी पूजा के बाद भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पंचोपचार पूजा करना अनिवार्य है। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के लिए हल्की मिट्टी के दीपक। उनके चरणों में फूल चढ़ाएं और मिठाई चढ़ाएं। प्रसाद ले लो।क्या खरीदने से बचेंधनतेरस के दिन स्टील, एल्युमिनियम, कांच, सिरेमिक और लोहे की चीजें खरीदने से बचें। इस दिन तीखी या तीखी चीखें न खरीदें। काली वस्तुओं की खरीदारी न करें। अगर आप बर्तन खरीद रहे हैं, तो उसे घर खाली न लाएं।