Vikrant Shekhawat : Oct 30, 2024, 11:40 AM
Diwali 2024: धनतेरस के साथ दिवाली के पांच दिनों का त्योहार शुरू हो चुका है, जो इस वर्ष 31 अक्टूबर, गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। लोग इस दिन नई मूर्तियों को घर लाते हैं और पुरानी मूर्तियों को सम्मान के साथ एक अलग स्थान पर रखते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि पिछले वर्ष की पूजा में उपयोग की गई पुरानी मूर्तियों का क्या करना चाहिए। आइए जानते हैं इसके सही तरीके।
दिवाली की पूजा के बाद पुरानी मूर्तियों का सम्मानपूर्वक उपयोग
- सम्मानपूर्वक रखें
पुरानी मूर्तियों को पूजा घर में सम्मानपूर्वक किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जा सकता है। इन्हें नियमित रूप से साफ करना न भूलें ताकि इनकी पवित्रता बनी रहे। - नदी या तालाब में विसर्जन
यदि आपकी मूर्ति मिट्टी की बनी है, तो इसे किसी पवित्र नदी या तालाब में विसर्जित किया जा सकता है। विसर्जन के समय पर्यावरण का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। यह सुनिश्चित करें कि आप जल में कोई प्रदूषण न डालें। - मंदिर में दान करें
दिवाली के बाद पुरानी मूर्तियों को किसी मंदिर में दान करना एक शुभ कार्य है। इससे मंदिर में नियमित रूप से सफाई होती रहती है और यह एक धार्मिक कार्य भी है। - जमीन में दबा दें
पूजा के बाद मिट्टी की मूर्तियों को गहरे स्थान पर मिट्टी में दबाना एक और विकल्प है। इसे अपने बगीचे में दबा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि यह स्थान साफ-सुथरा और लोगों की पहुंच से दूर हो।
दिवाली के बाद पुरानी मूर्तियों के साथ क्या न करें?
- इधर-उधर न फेंकें
मूर्तियों को कभी भी कूड़ेदान में या गंदगी वाली जगह पर नहीं फेंकना चाहिए। ऐसा करने से दिवाली की पूजा का फल नष्ट हो सकता है। - पेड़ के नीचे न रखें
मूर्तियों को पेड़ के नीचे या ऐसे स्थान पर नहीं रखना चाहिए जहां आने-जाने वाले लोग उनके ऊपर से गुजरें। यह disrespectful और अशुद्ध माना जाता है।