Vikrant Shekhawat : Apr 30, 2024, 07:54 AM
Russia News: यूक्रेन से जंग के बीच रूस ने परमाणु हमले की चेतावनी दी है. इसके बाद दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ गई है. अब सवाल उठ रहा है कि इतना विध्वंसकारी कदम कौन उठा सकता है. इसमें दो नाम सामने आ रहे हैं. व्लादिमीर पुतिन या फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन. दोनों की तैयारी इस कदर है कि अगर युद्ध में परमाणु बम का विकल्प आया तो मिनटों में तबाही मचाई जा सकती है. पोलैंड में परमाणु बेस बनाकर अमेरिका पहले ही तैयारी कर चुका है. यानी रूस ने जैसे ही मिसाइल दागी, अमेरिका पोलैंड में अपने एटमी बेस को वॉर रेडी कर देगा.रूस के इरादे कितने खौफनाक हैं, ये अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में भी सामने आया है. पेंटागन के पूर्व अधिकारी और अमेरिकी सेना के पूर्व एडमिरल माइक हेविट ने कहा है कि पुतिन नाटो के लिए खतरा है और वो परमाणु हमला करने की तैयारी कर चुके हैं. पुतिन के टारगेट पर नाटो देश हैं, ये तो साफ है कि यूक्रेन और नॉर्डिक देशों (उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक) के रूख से पुतिन तमतमाए हुए हैं. लेकिन रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ वो चौंकाने वाला है.पुतिन रूस के विस्तार को बाल्टिक की तरफ बढ़ाने वाले हैं. एक बार ये हो जाएगा तो फिर नाटो में जाने वाले स्वीडन और फिनलैंड पर हमले की तैयारी की जाएगी. पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन ने क्रेमलिन में सीक्रेट मीटिंग की, जिसके बाद नाटो को परमाणु हमले की धमकी दी. पूर्व एडमिरल माइक हेविट के मुताबिक, इस महीने ही यूक्रेन का सरेंडर कराया जा सकता है, जिससे पुतिन यूरोप में अपनी स्थिति मजबूत कर सके और ऐसा अगले 7 दिनों में हो सकता है, क्योंकि 7 दिनों के अंदर यूक्रेन को अमेरिका से पहली खेप मिल जाएगी, जिसके बाद यूक्रेन काउंटर ऑफेंसिव 2.0 आगे बढ़ाएगा. हो सकता है वो क्रीमिया पर हमला करके उस पर कब्जा करे.अमेरिका ने हथियारों से पहले सैनिक और कुछ अधिकारी यूक्रेन भेज दिए हैं. बताया जा रहा है पश्चिमी यूक्रेन में रहकर क्रीमिया पर कब्जे की प्लानिंग की जा रही है. 61 बिलियन डॉलर का पैकेज देकर अमेरिका ने साफ कर दिया है वो यूक्रेन मोर्चे पर गंभीर है. वो किसी भी कीमत में यूक्रेन को पुतिन की यूरोप विजय का गेटवे नहीं बनने देगा. ISW यानी इंस्टीट्यूट फोर स्टडी ऑफ वार के मुताबिक, अगर अमेरिकी सैनिकों ने हथियार मिलने से पहले ही हमले शुरू कर दिए तो रूस को नाटो देशों पर हमले का मौका मिल जाएगा, इसलिए अमेरिकी सेना तभी तक खामोश है जब तक यूक्रेन में हथियार नहीं पहुंच जाते. वेस्ट बैंक इसलिए चुना है कि वहां से बाल्टिक देशों और पोलैंड की सुरक्षा भी की जा सकती है, क्योंकि ये चारों देश ही यूक्रेन के बाद रूस के अगले टारगेट हैं.इस देश में रूस कर सकता है सबसे पहले परमाणु हमलारूस जिस देश में सबसे पहले परमाणु हमला कर सकता है वो पोलैंड है. पोलैंड की रूस के आर्कटिक बेस कोला से दूसरी 1980 किलोमीटर है. इसके बाद 1526 किलोमीटर दूर बाल्टिक देश लिथुआनिया पर कोला एटमी बेस से मिसाइल दाग सकता है. फिर 1333 किलोमीटर दूर लातविया पर भी परमाणु हमला कोला बेस से किया जा सकता है.